Kisan Andolan Ground Report: 10 बजे दफ्तर पहुंचने वाले 1 बजे तक जाम में फंसे रहे... बॉर्डर सील फिर भी आम लोग आंदोलन में पिस गए!
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Kisan Andolan Ground Report: 10 बजे दफ्तर पहुंचने वाले 1 बजे तक जाम में फंसे रहे... बॉर्डर सील फिर भी आम लोग आंदोलन में पिस गए!

Kisan Andolan News Hindi: करीब 2 साल बाद पंजाब के किसान एक बार फिर आंदोलन करने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर आ रहे हैं. उन्हें रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने सिंघु बॉर्डर समेत तमाम सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया है. जिसकी वजह से लोग मंगलवार को जाम में फंस गए.

 

Kisan Andolan Ground Report: 10 बजे दफ्तर पहुंचने वाले 1 बजे तक जाम में फंसे रहे... बॉर्डर सील फिर भी आम लोग आंदोलन में पिस गए!

Kisan Andolan Sindhu Border Update: आपको आज से 2 वर्ष पहले दिल्ली हरियाणा के सिंघु बॉर्डर की तस्वीरें याद होंगी, जिसमें 1 साल तक किसान आंदोलन की आड़ में वह बंधक बना रहा था. आज ढाई वर्ष बाद फिर से सिंधु बॉर्डर पर किसान आंदोलन 2.0 का खतरा मंडरा रहा है और दिल्ली हरियाणा सिंघु बॉर्डर पूरी तरह से सील होकर भेद किला बन चुकी है. इसकी सबसे ज्यादा मार आम लोगों पर पड़ रही है. किसान आंदोलनकारी अपने किसान आंदोलन के पुराने Epicentre रहे सिंघु बॉर्डर को फिर से आंदोलन का केंद्र बनाना चाहते हैं. 

सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने कर रखे अभेद्य इंतजाम

किसानों ने आज यानी 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान कर रखा है. इसमें शामिल किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने हरियाणा से दिल्ली जाने वाले सिंघु बॉर्डर के FLYOVER के नीचे की सड़क को अभेद किले में तब्दील कर दिया है. वहां बैरिकेड पर कटीले तार, सीमेंट के बड़े बड़े पत्थर, पत्थरों की ROW में भरा हुआ गिट्टी मसाला, उसके पीछे खड़े हुए कंटेनर और कंटेनर के पीछे ठुकती हुई कील. यह हाल हिंदुस्तान- पाकिस्तान वाघा बॉर्डर का नहीं है बल्कि दिल्ली हरियाणा सिंंघु बॉर्डर का है. 

किसानों ने पूरा फ्लाइओवर बंद कर दिया

सिंघु बॉर्डर पर हरियाणा की ओर जाने वाली सड़क के BOARD पर लिखा है 'हरियाणा में आपका स्वागत है, thank you kindly visit again' लेकिन किसानों के दिल्ली चलो ने सिंधु बॉर्डर फ्लाईओवर को पूरी तरह बंद कर दिया है. इसकी बंदी Crane के सहारे की गई थी.

सुबह से जाम में फंसे हुए हैं हजारों लोग

आज से 2 साल पहले जब किसानों ने दिल्ली की सिंघु बॉर्डर को बंधक बनाया था, तब सबसे ज्यादा परेशानी नौकरीपेशा आम लोगों, बुजुर्गों और बीमारों को हुई थी. इस बार भी आज का हाल इसी तरह के संकेत दे रहा है. अगर किसानों ने फिर से सिंघु बॉर्डर को बंधक बनाया तो यह होना तय है. आज शंभू बॉर्डर पर किसानों की हिंसा शुरू करने के बाद सिंघु बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया और इस सीलिंग ने नौकरीपेशा और आम लोगों को जाम में फंसा दिया. हर तरफ सिर्फ गाड़िया ही गाड़िया हैं. जिन्हें अपने गंतव्य स्थान पर सुबह 10 बजे पहुंचना था, वो दोपहर 1 बजे भी सिंघु बॉर्डर पर ही फंसे थे और परेशान हो रहे थे.

लोगों को कई-कई किमी पैदल चलना पड़ रहा

किसानों के आंदोलन में बॉर्डर सील की वजह से पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने वाले लोगों को 3 किलोमीटर दूर तक पैदल चलना पड़ रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गो, महिलाओं और आम लोगों को हो रही है. जिन्हे सिर पर सामान रख कर पैदल चलना पड़ रहा है. ये परेशान लोग प्रशासन–किसानों को कोस रहे थे.

2 साल पहले की याद दिला रहे हालात

सिंघु बॉर्डर का हाल कुछ ऐसा है कि एंबुलेंस हो या फिर शव वाहन, सब सील हुए बॉर्डर में फंसे हुए हैं और बिना दोष के भी परेशान हो रहे हैं. आज सिंघु बॉर्डर हो या फिर शंभू बॉर्डर दोनो जगहों की तस्वीरें 2 साल पहले की याद दिला रही हैं. तब भी हर तरफ सिर्फ और सिर्फ परेशानियां ही थीं.

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