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नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इसके लिए 'डबल म्यूटेंट' वायरस (Double Mutant Virus) को जिम्मेदार बताया जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, नया वैरिएंट ज्यादा संक्रामक और तेजी से फैलता है. भारत में फैले डबल म्यूटेंट वायरस की चर्चा दुनियाभर में होने लगी है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ये डबल म्यूटेंट वायरस क्या है?
भारत के इस नए वैरिएंट को वैज्ञानिक तौर पर B.1.617 नाम दिया गया है, जिसमें दो तरह के म्यूटेशंस (E484Q और L452R) हैं. यह वायरस का वह रूप है, जिसके जीनोम में दो बार बदलाव हो चुका है. दरअसल, वायरस अपनी जेनेटिक संरचना में बदलाव लाते रहते हैं ताकि वह लंबे समय तक प्रभावी रह सकें.
'डबल म्यूटेंट' (Double Mutant) वायरस के दो म्यूटेटेड स्ट्रेन के मिलने से बनता है. भारत में फैल रहा डबल म्यूटेंट वायरस E484Q और L452R के मिलने से बना है. बता दें कि L452R स्ट्रेन अमेरिका के कैलिफोर्निया में पाया जाता है, जबकि E484Q स्ट्रेन भारत में पाया जाता है.
'डबल म्यूटेंट' वायरस (Double Mutant Virus) की पहचान अब तक कम से कम पांच राज्यों में की जा चुकी है, जिसमें महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, कर्नाटक और मध्य प्रदेश शामिल हैं. हालांकि डबल म्यूटेशन की शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी.
'डबल म्यूटेंट' वायरस (Double Mutant Virus) दो स्ट्रेन (E484Q और L452R) के मिलने के बना है, जिससे वायरस ने कई गुना ज्यादा संक्रामक और खतरनाक रूप ले लिया है. दोनों स्ट्रेन ज्यादा संक्रमण दर के लिए जाने जाते हैं. L452R पर अमेरिका में कई शोध हुए हैं और पाया गया है कि इससे संक्रमण 20 प्रतिशत तक बढ़ता है.
नया म्यूटेशन दो म्यूटेशंस के जेनेटिक कोड (E484Q और L452R) से है। जहां ये दोनों म्यूटेशंस ज्यादा संक्रमण दर के लिए जाने जाते हैं, वहीं यह पहली बार है कि दोनों म्यूटेशन एकसाथ मिल गए हैं जिससे वायरस ने कई गुना ज्यादा संक्रामक और खतरनाक रूप ले लिया है।
भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सिन और कोविशील्ड वैक्सीन (Corona Vaccine) लगाई जा रही है. अभी तक माना जा रहा है कि दोनों वैक्सीन नए वैरिएंट के प्रति कारगर है, हालांकि फिलहार अभी यह स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है.
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