2 महीने से शख्स के पेट में था दर्द, धीरे-धीरे ऐसा हो गया हाल; जांच के बाद निकली ये गंभीर बीमारी
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2 महीने से शख्स के पेट में था दर्द, धीरे-धीरे ऐसा हो गया हाल; जांच के बाद निकली ये गंभीर बीमारी

कोलकाता के रहने वाले 45 वर्षीय अर्नब मुखर्जी दो महीने से अधिक समय से पेट में तेज दर्द ( Abdominal Pain) की शिकायत कर रहे थे. उनका दावा है कि डॉक्टर शुरू में ट्यूमर (Tumour ) का पता लगाने में विफल रहे थे और जब इसका पता चला तब तक इसका आकार काफी बढ़ गया था.

4 घंटे के ऑपरेशन के बाद निकाला गया ट्यूमर.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता (Kolkata) में डॉक्टरों ने एक शख्स के पेट से 22lbs यानी करीब 10 किलोग्राम का ट्यूमर (Tumour) निकाला है. कोलकाता के लायंस अस्पताल में 2 अक्टूबर को इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, जो करीब चार घंटे तक चला. हालांकि डॉक्टर शख्स की जान बचाने में सफल रहे और अब हालत स्थिर है.

  1. 2 महीने से था पेट में दर्द
  2. दो रग्बी गेंदों के बराबर निकला ट्यूमर
  3. डॉक्टर ने बताया दुर्लभ मामला

2 महीने से था पेट में दर्द

कोलकाता के रहने वाले 45 वर्षीय अर्नब मुखर्जी दो महीने से अधिक समय से पेट में तेज दर्द ( Abdominal Pain) की शिकायत कर रहे थे. उनका दावा है कि डॉक्टर शुरू में ट्यूमर (Tumour ) का पता लगाने में विफल रहे थे और जब इसका पता चला तब तक इसका आकार काफी बढ़ गया था.

दो रग्बी गेंदों के बराबर ट्यूमर

अर्नब मुखर्जी पेशे से संगीतकार हैं और उन्होंने पेट दर्द के बाद कोलकाता के विक्टोरिया मेडिकल सेंटर में खुद को दिखाया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके पेट में 22lbs यानी करीब 10 किलोग्राम का घातक ट्यूमर है. डॉक्टरों ने बताया कि ट्यूमर का आकार दो रग्बी गेंदों के बराबर हो गया है. इसके बाद उन्हें लायंस अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां डॉ माखन लाल साहा और उनकी बेटी प्रियंका साहा ने सफल ऑपरेशन किया.

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डॉक्टर ने बताया दुर्लभ मामला

डॉ माखन ने कहा, 'यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण और दुर्लभ मामला था. पहले चरण में ट्यूमर का पता नहीं चला था. यह समझने के लिए कई तरह के टेस्ट किए गए कि आखिर क्या हुआ है. ऑपरेशन के समय मरीज की जान जोखिम में थी, क्योंकि ट्यूमर आकार में इतना बड़ा था. दो सर्जनों की एक टीम ने कैंसर के ट्यूमर को हटाने में मदद की, जिसे रेट्रोपेरिटोनियल सार्कोमा कहा जाता है. सर्जरी के सफल होने के बावजूद अर्नब को अब और कैंसर के इलाज की जरूरत होगी. मरीज की हालत स्थिर है और हर दो से तीन दिनों में तरल भोजन कर रहा है.'

किसी भी बॉडी पार्ट को नुकसान नहीं

डॉक्टर माखन ने बताया, 'ट्यूमर को निकालने में लगभग चार घंटे लग गए. यह एक जीवन रक्षक सर्जरी थी. हमने ट्यूमर को सफलतापूर्वक हटा दिया और कोई अन्य अंग क्षतिग्रस्त या हटाया नहीं गया. चूंकि ट्यूमर घातक था, अब वह कीमो और कैंसर से संबंधित अन्य दवाओं से गुजरना होगा.'

 

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