पहले चरण के बड़े मुद्दे
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के पहले चरण के मुद्दों की बात की जाए तो सबसे अहम मुद्दा है किसान, फिर चाहे वो किसान आंदोलन से जुड़ा रहा हो या फिर गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की बात हो.
किसान आंदोलन
इस चुनाव में किसानों की अहमियत कृषि कानूनों के खिलाफ 378 दिन तक चले आंदोलन के बाद और बढ़ गई थी. किसान तीनों कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर डटे थे. पांच राज्यों में चुनाव के ऐलान से पहले आखिरकार केंद्र सरकार ने कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया, लेकिन चुनाव में किसान आंदोलन सभी पार्टियों के लिए मुद्दा बन गया.
गन्ना भुगतान
साथ ही साथ पश्चिमी यूपी में गन्ना भुगतान भी एक मुद्दा है. कभी गन्ना किसानों का वक्त पर भुगतान नहीं हुआ तो कभी किसानों की मांग रही कि गन्ना का रेट बढ़ाए जाएं.
बिजली
इसके अलावा बिजली भी बड़ा मुद्दा है, जहां किसान एक ओर बिल मांफ करने की बात कर रहे हैं तो आम जनता बिजली के दामों में कमी करने की बात कर रही है.
रोजगार
इस चुनाव में रोजगार भी बड़ा मुद्दा है. युवाओं को ऐसी सरकार चाहिए जो रोजगार दे सके.
महंगाई
तो वहीं इस चुनावी मुद्दों में एक मुद्दा महंगाई का भी है...आम लोग रोजमर्रा की जरूरी चीजों की महंगाई से राहत चाहते हैं.
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
इसके अलावा इस चुनाव में यूपी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का सवाल भी अहम है. साथ ही कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी लोग मतदान करेंगे. अच्छी सड़कें और यातायात के साधन भी इस क्षेत्र के लोगों के लिए अहमियत रखते हैं. जनता इन्हीं मुद्दों के आधार पर अपने मताधिकार का प्रयोग करके अपना जनप्रतिनिधि चुनेगी.