पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की जयंती पर उनके बेटे चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कोई हमें कितना भी तोड़ने या मिटाने की कोशिश कर ले, लेकिन मैं अपने पिता की तरह लड़कर जीत हासिल करूंगा.
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नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की जयंती के मौके पर उनके बेटे चिराग पासवान आज से 'आशीर्वाद यात्रा' शुरू करने जा रहे हैं. पार्टी में गुटबाजी झेल रहे चिराग पासवान के इस कदम को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.
पासवान की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में चिराग पासवान ने भावुक होकर कहा, 'मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं, शेर का बेटा हूं, जैसे पापा कभी नहीं डरे थे वैसे ही मैं भी कभी नहीं डरूंगा.' उन्होंने कहा कि कोई हमें तोड़ने और मिटाने की कितनी भी कोशिश करले लेकिन जिस तरह पापा सच्चाई की राह पर लड़ते रहे, हम भी उसी तरह लड़कर जीत हासिल करेंगे.
#WATCH | LJP leader Chirag Paswan breaks down during the book launch of his late father Ram Vilas Paswan, on his birth anniversary. He says, "I am the son of a lion, will never be scared, no matter how much people try to break us..." pic.twitter.com/rh6qC5v53y
— ANI (@ANI) July 5, 2021
जयंती के मौके पर चिराग पासवान ने अपने पिता की लिखी हुई एक किताब भी लॉन्च की जिसे 'पासवान' नाम दिया गया है. इस कार्यक्रम में चिराग की मां और पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद थे. चिराग ने कहा कि हम इस किताब को बड़ा समारोह आयोजित कर पापा की मौजूदगी में लॉन्च करना चाहता थे लेकिन ऐसा हो नहीं सका.
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राम विलास पासवान की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जनसेवा और वंचितों, दलितों को सशक्त बनाने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. पीएम ने ट्वीट कर कहा कि आज उनकी कमी बहुत खल रही है, वह भारत के सबसे अधिक अनुभवी सांसदों और प्रशासकों में से एक थे.
Today is the birth anniversary of my friend, late Ram Vilas Paswan Ji. I miss his presence greatly. He was one of India’s most experienced Parliamentarians and administrators. His contributions to public service and empowering the downtrodden will always be remembered.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 5, 2021
बता दें कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से उनकी पार्टी के भीतर गुटबाजी शुरू हो गई है. पासवान बेटे चिराग और भाई पशुपति पारस दोनों ही उनकी राजनीतिक विरासत पर अपना दावा कर रहे हैं. पारस को लोजपा के ज्यादातर सांसदों और नेताओं का समर्थन हासिल है, ऐसे में चिराग के सामने नई चुनौती खड़ी हो गई है.