साल के आखिर में राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव और फिर 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस अपने प्रमुख नेताओं को बड़ी भूमिका में उतारने की तैयारी में है. टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक अगर सबकुछ पार्टी की तैयारी के मुताबिक हुआ तो कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका वाड्रा को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी से मुक्त कर सकती है.


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वर्तमान में, वह उत्तर प्रदेश की प्रभारी हैं, लेकिन पार्टी के थिंक टैंक का मानना ​​है कि आगामी विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों के मद्देनजर उनकी सक्रियता केवल एक राज्य तक सीमित नहीं होनी चाहिए. ऐसे में कहा ये भी जा रहा है कि वो यूपी के पार्टी प्रभारी का पद छोड़ सकती हैं ताकि वो आगामी चुनावों में पूरी तरह सक्रिय हो सकें.


हालांकि, पार्टी इस बाबत कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहती. ऐसे में पार्टी इस संबंध में अपना अंतिम निर्णय राहुल गांधी के अमेरिका दौरे से भारत लौटने के बाद ही लेगी. सभी ने देखा कि कैसे राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी ने हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में रैलियां कीं, प्रचार किया. इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को जीत हासिल हुई.


यूपी में आने वाले समय में प्रियंका गांधी की भूमिका इस बात पर भी निर्भर करेगी कि कांग्रेस के साथ विपक्षी दलों का गठबंधन कैसे बनता है. अगर कांग्रेस विपक्षी दलों के साथ गठबंधन में यूपी में चुनाव लड़ती है, तो प्रियंका यूपी प्रभारी की भूमिका छोड़ सकती हैं और अन्य राज्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकती हैं, लेकिन अगर पार्टी लोकसभा चुनावों में अकेले उतरती है तो चीजें अलग हो सकती हैं.


अगर प्रियंका को यूपी की भूमिका से मुक्त किया जाता है, तो उनकी जगह उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस नेता तारिक अनवर में से किसी एक के नाम पर मुहर लगा सकती है. हरीश रावत के नाम पर कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों में पहाड़ी समाज के लोगों को अपने पाले में करने की कोशिश करेगी. वहीं, दूसरी तरफ तारिक अनवर के माध्यम से पार्टी मुस्लिम वोटों को अपनी तरफ करने का दांव भी खेल सकती है.


उत्तर प्रदेश में पिछला लोकसभा चुनाव कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की अगुवाई में ही लड़ा था लेकिन उन्हें कोई बड़ा फायदा हासिल नहीं हुआ. कांग्रेस प्रभारी रहते हुए प्रियंका गांधी ने विधानसभा चुनाव में भी जमकर मेहनत की थी लेकिन इसके बाद कांग्रेस को यूपी में सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल हो सकी थी. 


हालांकि, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जीत से पार्टी का मनोबल बढ़ा है. राहुल और प्रियंका दोनों ने दोनों राज्यों में जोरदार प्रचार किया था. पार्टी के सूत्रों की मानें तो प्रियंका अब चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में एक आक्रामक अभियान शुरू करने की योजना बना रही हैं.