चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने यह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की कि राज्य में लोगों को वोट डालने से जबरन रोका नहीं जाए.
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कोलकाता: मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार को कहा कि पश्चिम बंगाल एक 'भावनात्मक राज्य' है और लोकसभा चुनाव के दौरान यदि भावनाओं का दोहन किया गया तो, चुनाव आयोग हस्तक्षेप करेगा. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने यह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की कि राज्य में लोगों को वोट डालने से जबरन रोका नहीं जाए. आयोग की पूर्ण पीठ चुनाव तैयारी की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल आई हुई है.
अरोड़ा ने कहा, ''पश्चिम बंगाल एक भावनात्मक राज्य है. लेकिन यदि (चुनाव के दौरान गलत तरीकों से) भावनाओं का अन्य तरीके से दोहन किया गया तो हम हस्तक्षेप करेंगे.'' राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग से विशेष पर्यवेक्षकों की तैनाती का अनुरोध किये जाने के संबंध में उन्होंने कहा, ''हमे जो भी फीडबैक मिला है, हमने उसका संज्ञान ले लिया है और जब हम लौटेंगे तब उन पर गौर करेंगे.'' उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों को यदि अपने कर्तव्य निर्वहन में गलत मंशा का शिकार पाया जाता है तो, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जब अरोड़ा से पूछा गया कि क्या चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल पर विशेष ध्यान दे रहा है तो, उन्होंने कहा कि आयोग के लिए हर राज्य महत्वपूर्ण है, लेकिन चूंकि पश्चिम बंगाल बड़ा राज्य है, इसलिए उचित महत्व दिया जा रहा है. जब उनसे यह कहा गया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव की तारीखों और परिणाम की तारीख के बारे में कथित रुप से बयान दिया है तो उन्होंने कहा, ''मैंने इस मामले पर रिपोर्ट नहीं देखी है.''
(इनपुट भाषा से)