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गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में हुई बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई की घटना (Abdul Samad Beating Case) को मुद्दा बनाकर दंगा भड़काने की कोशिश करने वाले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता उम्मेद पहलवान (Ummed Pahalwan) ने पुलिस की पूछताछ के कई राज उगले हैं. उम्मेद ने बताया है कि उसने ऐसा क्यों किया? गाजियाबाद पुलिस ने शनिवार को दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के पास से उम्मेद पहलवान को गिरफ्तार किया था.
पुलिस की पूछताछ में उम्मेद पहलवान ने बताया है कि वह बुजुर्ग अब्दुल समद की पिटाई के अगले दिन यानी 6 जून को उसके संपर्क में आया था. जिसके तुरंत बाद उसने बुजुर्ग के साथ फेसबुक लाइव किया. उसने बुजुर्ग को पूरी तरह से हाईजैक कर लिया था.
उम्मेद पहलवान ने अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूरी कहानी पुलिस को बताई. उम्मेद ने आगामी नगरपालिका चुनाव और विधान सभा चुनाव में टिकट लेने के लिए मनगढ़ंत कहानी बनाई और फेसबुक लाइव कर ताबीज विवाद को मजहबी रंग दिया. पहले पूछताछ में उम्मेद बरगलाता रहा, लेकिन बाद में उसने पुलिस के सामने सारे राज खोलकर रख दिए. पुलिस अभी जांच कर रही है कि उम्मेद के साथ कौन लोग दे रहे हैं.
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बता दें कि उम्मेद पहलवान ने सबूत मिटाने के लिए अपने मोबाइल फोन की कई चैट्स डिलीट की हैं. गाजियाबाद पुलिस ने उम्मेद की चैट्स बरामद करने के लिए WhatsApp को लेटर लिखा है. इसके अलावा गाजियाबाद पुलिस IPDR के जरिए डिजिटल रिकॉर्ड भी हासिल करेगी. उम्मेद का मोबाइल फोन फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है.
गौरतलब है कि लोनी बॉर्डर इलाके में उम्मेद पहलवान का काफी रुतबा था, इसीलिए उसने जानबूझकर लोनी बॉर्डर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया और घटनास्थल को लोनी बॉर्डर बताया. जबकि जांच में पता चला कि बुजुर्ग की पिटाई की घटना प्रवेश के घर बंथला में हुई थी. उम्मेद बुजुर्ग के साथ मारपीट करने के एक आरोपी इंतजार का काफी करीबी है. जबकि उम्मेद पहलवान प्रवेश को नापंसद करता है.
उम्मेद पहलवान ने इसीलिए इंतजार को बचाने के लिए झूठी कहानी बनाई. बुजुर्ग को अपने मन मुताबिक बयान देने को कहा और थाने में झूठी शिकायत लिखवाई. फेसबुक लाइव के बाद भी लगातार उम्मेद पहलवान बुजुर्ग के आसपास रहा. यहां तक कि वह बुजुर्ग के पास बुलंदशहर गया और उन्हें लेकर दिल्ली भी आया ताकि पुलिस बुजुर्ग के पास दोबारा न पहुंच पाए.
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जान लें कि अब तक उम्मेद पहलवान पर 7 मुकदमें दर्ज हो चुके हैं. उम्मेद मूल रूप से पिलखुवा के दहदा गांव का रहने वाला है. शुरुआती दौर में उम्मेद पिलखुवा में चोरी-चकारी करता था. फिर वह गाजियाबाद के एक प्रभावशाली शख्स पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष औलाद अली का चेला बन गया. इसके बाद उसने सपा ज्वाइन की. सपा के पहले उम्मेद लोकदल में भी रहा. 2016 में उम्मेद पहलवान गाजियाबाद विकास प्राधिकरण का मनोनीत सदस्य भी रहा.
उम्मेद पहलवान ने तीन शादियां की हैं. उम्मेद पहलवान को पता था कि बुजुर्ग की पिटाई ताबीज बनाने के चलते हुई थी. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, अब्दुल समद ने पूरी कहानी उम्मेद पहलवान को बताई थी, लेकिन उम्मेद ने जानबूझकर फेसबुक लाइव में सही फैक्ट्स को छुपाया.
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