Andhra Pradesh Politics: संसद के मानसून सत्र के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने पहुंचे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने केंद्र की एनडीए सरकार को अपनी ताकत की याद दिलाई. जगन का साथ देने के लिए विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के कई नेता भी पहुंचे थे.
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YSRCP VS TDP In Delhi: संसद के मानसून सत्र के दौरान आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने बुधवार को दिल्ली आकर जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन को संबोधित किया. जगन ने आंध्र प्रदेश में टीडीपी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन में चंद्रबाबू नायडू पर कई आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित नायडू सरकार आंध्र में हिंसा फैलाने और युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (YSRCP) के नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने में जुटी हुई है.
एनडीए और इंडिया गठबंधन से बाहर रही जगन की पार्टी
धरना प्रदर्शन के दौरान जगन को सपोर्ट करने के लिए विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के कई नेता भी जंतर मंतर पहुंचे और भाषण दिया. हालांकि, ज्यादातर विपक्षी नेताओं ने आंध्र प्रदेश की नायडू की जगह केंद्र सरकार पर हमला बोला. साथ ही जगन की पार्टी YSRCP को इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनाने के लिए न्योता भी दिया. लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान जगन मोहन रेड्डी की पार्टी एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों से बाहर रही थी.
जगन मोहन रेड्डी के समर्थन में पहुंचे विपक्ष के कई दिग्गज
जगन मोहन रेड्डी के समर्थन में पहुंचे सपा प्रमुख अखिलेश यादव और प्रो रामगोपाल यादव, शिवसेना यूबीटी के संजय राउत, प्रियंका चतुर्वेदी और अरविंद सावंत, तृणमूल कांग्रेस के नजीबुल हक, जेएमएम के विजय हांसदा, आम आदमी पार्टी के राजेंद्र पाल गौतम, AIADMK के थंबी दुराई वगैरह ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. वहीं, तमिलनाडु की क्षेत्रीय पार्टी VCK ने जगन मोहन रेड्डी से इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने की अपील भी की.
राज्य सभा में YSRCP के 11 और लोकसभा में 4 सांसद
जगन मोहन रेड्डी ने इंडिया गठबंधन में शामिल होने को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हालांकि, उन्होंने विपक्षी नेताओं की मौजूदगी में केंद्र की एनडीए सरकार को संसद में अपनी ताकत की याद दिलाई. जगन ने कहा कि राज्य सभा में YSRCP के पास 11 सांसद और लोकसभा में 4 सांसद हैं. इसका मतलब संसद में उनके पास भी 15 सांसद हैं. वहीं, सिर्फ लोकसभा में टीडीपी के 16 सांसद हैं. केंद्र सरकार से उन्होंने कहा कि उन्हें याद रखना चाहिए कि दिल्ली में YSRCP और टीडीपी बराबर की ताकत रखते हैं.
जगन ने पूछा- क्या आंध्र प्रदेश में लोकतंत्र कायम है या नहीं?
पूर्व सीएम जगन ने पूछा कि क्या आंध्र प्रदेश में लोकतंत्र कायम है या नहीं. उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन के 45 दिन के अंदर ही 30 से अधिक लोगों की हत्या कर दी गई है. तमाम प्रॉपर्टीज को तबाह कर दिया गया है. राज्य में हिंसा और हाहाकार मचा हुआ है. जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के बेटे नारा लोकेश पूरे आंध्र प्रदेश में एक लाल किताब दिखाकर कहते फिर रहे हैं कि इसमें उन नेताओं के नाम हैं, जिसके खिलाफ वे एक्शन और अटैक करेंगे. पूरे राज्य में इसके होर्डिंग लगाए गए हैं.
कल तक हम सत्ता में थे, कल फिर हम सत्ता में आ सकते हैं...
जगन मोहन रेड्डी ने कहा, 'राज्य में आज वे सत्ता में हैं. कल तक हम सत्ता में थे. कल फिर हम सत्ता में आ सकते हैं. लेकिन हमने कभी इस तरह के व्यवहार का समर्थन नहीं किया. हमने कभी भी निजी हमलों और प्रॉपर्टीज को नुकसान पहुंचाने के काम को प्रोत्साहित नहीं किया. वहीं, टीडीपी की सरकार बनने के बाद आज आंध्र प्रदेश की स्थिति बिलकुल अलग और उलट है.'
#WATCH | Delhi | On his party's protest against TDP, Former Andhra Pradesh CM & YSRCP President YS Jagan Mohan Reddy says, "What is the plight of Andhra Pradesh today? Whatever is happening in Andhra Pradesh today, is it fair? Can a CM's son (Nara Lokesh), who is also a minister,… pic.twitter.com/WDIQjySppx
— ANI (@ANI) July 24, 2024
इंडिया गठबंधन में शामिल होने को लेकर नहीं दिया कोई संकेत
संसद में अपनी ताकत बताने के अलावा जगन मोहन ने पूरे भाषण में केंद्र की एनडीए सरकार पर कोई बड़ा हमला नहीं बोला. उन्होंने ज्यादातर बातें अपने राज्य को लेकर ही कहीं. इंडिया गठबंधन के सहयोगी दलों के नेताओं की मौजूदगी में उन्होंने शामिल होने को लेकर कोई संकेत नहीं दिया. इसके बावजूद विपक्षी गठबंधन में जगन के शामिल होने की अटकलें लगाई जाने लगी.
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गठबंधन की राजनीति में किसी भी मुश्किल हालात का अहसास
इस बीच, जगन मोहन रेड्डी ने एनडीए को गठबंधन की राजनीति में किसी भी मुश्किल हालात के वक्त काम आ सकने की संभावना का अहसास दिला दिया. लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे में भाजपा को अकेले बहुमत नहीं आने पर एनडीए में शामिल टीडीपी और जदयू को के सहारे की जरूरत है. केंद्रीय बजट में दोनों राज्यों को भरपूर पैकेज दिए जाने के बाद से विपक्ष मोदी सरकार पर साथियों के तुष्टिकरण का आरोप भी लगा रही है.
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