भारत में 'लव जेहाद', फ्रांस में 'आतंक जेहाद'; कैसे मिलेगा भारत की बेटी को इंसाफ?
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भारत में 'लव जेहाद', फ्रांस में 'आतंक जेहाद'; कैसे मिलेगा भारत की बेटी को इंसाफ?

फ्रांस ने तो इस मजहबी कट्टरता के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया है. भारत में बात-बात पर सड़क कब्जाने वाले, मोमबत्ती लेकर चेहरा चमकाने वाले लव जेहाद के खिलाफ ‘क्रांति’ की मशाल उठान से डर गए हैं.

जेहादियों के मंसूबे क्या?

नई दिल्ली: मजहबी कट्टरता के नाम पर भारत से लेकर फ्रांस तक जल रहा है लेकिन बात-बात पर माचिस लेकर आग लगाने वालों की आज मोमबत्ती नहीं जल रही. सारे ‘सेक्युलर सरकास्ट’ की जुबान को लकवा मार गया है. मजहबी कट्टरता के खिलाफ टुकड़े-टुकड़े गैंग के फेफड़े नहीं पसीज रहे तो मोमबत्ती गैंग ने अनंत मौन साध रखा है. बारूदी बुद्धिजीवी तो मानो तीर्थ यात्रा पर चले गए हैं.

  1. फ्रांस का एक्शन, भारत में कब

    आखिर जेहादियों के मंसूबे क्या?

    निकिता के न्याय के लिए मुहिम

कुल मिलाकर वोटबैंक के चश्मे से वारदात को देखने वालों के कूचे में लव जेहाद (Love Jihad) के नाम पर ऐसा सन्नाटा है मानो वो मार्स पर पानी ढूंढ़ने में व्यस्त हों. सवाल उठता है, कैसे मिलेगा भारत की बेटी को इंसाफ?

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जेहादियों के मंसूबे क्या हैं?
सिर्फ खुद का चेहरा चमकाने वाले नकली झंडाबरदारों के मुंह से विरोध की आवाज नहीं उठती? क्योंकि मामला शांतिदूतों का है. लव जेहाद के ‘पवित्र प्रण’ का है. लेकिन देश सब देख रहा है और सवाल पूछ रहा है कि भारत की बेटी का गुनाह क्या? धर्म की रक्षा करना गुनाह है? फ्रांस में कार्टून के नाम पर एक शिक्षक की जान ले ली गई तो भारत में एक छात्रा की लव जेहाद के लिए हत्या, गंभीर सवाल खड़े करती है. आखिर जेहादियों के मंसूबे क्या हैं?

मजहबी कट्टरता कॉमन!
बल्लबगढ़ में भारत की बेटी निकिता ने इस्लाम नहीं कबूल किया. जेहादियों के नापाक मंसूबों को विरोध किया तो लव जेहाद के नाम पर उसे सरेआम गोली मार दी जाती है. फ्रांस में टीचर सैमुअल पैटी सिर्फ कार्टून बनाने के लिए जेहाद के शिकार हो जाते हैं. पैगंबर मोहम्मद का कार्टून क्लास में दिखाया, उनका सिर कलम कर दिया जाता है. इन दोनों ही घटनाओं में एक बात कॉमन है. वो है मजहबी कट्टरता. मजहब के नाम पर एक शिक्षक तो एक छात्रा की जिंदगी छीन ली जाती है.

एक बीमारी की दो थ्योरी क्यों?
फ्रांस ने तो इस मजहबी कट्टरता के खिलाफ एक्शन शुरू कर दिया है. फ्रांस ने राजधानी पेरिस के उत्तर-पूर्वी इलाके में स्थित कट्टरपंथियों पर सख्त कार्रवाई की. टीचर सैमुअल के खिलाफ इस्लामिक एजेंडा चलाने वाली मस्जिद को बंद करा दिया. अब तक 120 स्थाेनों और संगठनों की तलाशी ली गई है. 213 से ज्यादा कट्टरपंथियों की पहचान करके उन्हें देश से बाहर निकालने की तैयारी है. लेकिन भारत में बात-बात पर सड़क कब्जाने वाले, मोमबत्ती लेकर चेहरा चमकाने वाले लव जेहाद के खिलाफ ‘क्रांति’ की मशाल उठान से डर गए हैं. सवाल उठता है कि एक ही बीमारी पर इलाज की दो थ्योरी क्यों? क्या भारत के मजहबी कट्टरपंथियों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए?

इंसाफ की ये लड़ाई जारी रहेगी
देश की बेटी निकिता को न्याय दिलाने के लिए जी न्यूज़ की इंसाफ की ये लड़ाई जारी रहेगी. हम फ्रांस में जो कुछ हुआ, उसे भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते. भारत की बेटी की चीख को भी अनसुना नहीं कर सकते. मजहबी कट्टरता के खिलाफ हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब नकली शांतिदूतों को बेनकाब न किया जाए. हमारी लड़ाई तब जारी रहेगी, जब तक कि भारत की हर बेटी जान की रक्षा करने में सक्षम न हो.

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