दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज (LSR) की छात्रा ने अपने होमटाउन में खुदकुशी कर ली है और सुसाइड नोट में बताया है कि परिवार वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा है.
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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन (Lockdown) के कारण ज्यादातर लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ा और इसका असर अब भी बरकरार है. ताजा मामला तेलंगाना से आया है. दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज (LSR) की छात्रा ने अपने होमटाउन में खुदकुशी कर ली है और सुसाइड नोट से वित्तीय परेशानियों की बात सामने आई है.
पिता नहीं दिला पाए पुराना लैपटॉप
लड़की के पिता तेलंगाना जिले के रंगा रेड्डी जिले (Ranga Reddy district) में मोटरसाइकिल मैकेनिक हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बेटी आईएएस बनना चाहती थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह अपनी बेटी को पुराना लैपटॉप नहीं दिला पाए, जिससे वह महामारी (Coronavirus) के दौरान ऑनलाइन क्लास ले सके.
12वीं में 98.5 प्रतिशत नंबर किए थे हासिल
स्थानीय पुलिस ने बताया कि ऐश्वर्या रेड्डी ने 2 नवंबर को शादनगर में अपने घर पर फांसी लगा ली, जो बीएससी गणित (ऑनर्स) की छात्रा थी. 19 वर्षीय छात्रा ने 12वीं क्लास में 98.5 प्रतिशत नंबर स्कोर किया था. परिवार ने कहा कि ऐश्वर्या ने तेलुगु में लिखा एक सुसाइड छोड़ा है, जिसमें उसने बताया है, 'मेरे कारण, मेरा परिवार कई वित्तीय समस्याओं का सामना कर रहा है. मैं अपने परिवार के लिए बोझ हूं. मेरी शिक्षा एक बोझ है. यदि मैं पढ़ाई नहीं कर सकती, तो मैं जीवित नहीं रह सकती.'
बेटी की पढ़ाई के लिए घर रखा था गिरवी
ऐश्वर्या के पिता श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि जब बेटी को पिछले साल प्रतिष्ठित कॉलेज में प्रवेश मिला, तो उन्होंने अपने एक बेडरूम वाले घर को 2 लाख रुपये में गिरवी रख दिया था. उन्होंने कहा, 'मैं अभी भी ऋण चुका रहा हूं.' उन्होंने इस साल मार्च में मोटरसाइकिल रिपेयरिंग की दुकान खोली थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण दुकान बंद करनी पड़ी. उन्होंने बताया, 'मुझे लॉकडाउन के कारण एक महीने के भीतर दुकान बंद करनी पड़ी, हालांकि यह अब फिर से खुल गई है, लेकिन कमाई बहुत कम है.'
पिता से की थी पुराना लैपटॉप खरीदने की मांग
उन्होंने आगे बताया, 'मेरी बेटी कॉलेज बंद होने के बाद फरवरी में घर वापस आ गई थी. अक्टूबर में, उसने पूछा कि क्या मैं उसके लिए एक लैपटॉप खरीद सकता हूं, क्योंकि ऑनलाइन क्लास शुरू हो गई थीं और उसे अपने फोन पर क्लास अटेंड करने में दिक्कत हो रही थी. मैंने उससे कहा कि कुछ दिन रुका जाओ. इसके बाद उसने फिर नहीं पूछा. कुछ दिन बाद, उसने बताया कि उसे मिलने वाली छात्रवृत्ति राशि में देरी होगी.'
मदद के लिए कभी नहीं किया संपर्क: कॉलेज
लेडी श्रीराम कॉलेज (LSR) की प्रिंसिपल सुमन शर्मा ने कहा कि ऐश्वर्या ने वित्तीय सहायता के लिए कॉलेज से संपर्क नहीं किया. उन्होंने कहा, 'यह हमारे लिए बहुत बड़ी क्षति है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम उसकी मदद करने में असमर्थ रहे. हालांकि, उसने अपनी समस्याओं को लेकर कभी भी गणित विभाग या छात्रावास के अधिकारियों से संपर्क नहीं किया. कॉलेज में कई योजनाएं और छात्रवृत्ति हैं, लेकिन उसने कभी सहायता नहीं मांगी. हमारे पास मानसिक स्वास्थ्य सहायता के लिए कई तंत्र हैं, लेकिन दुर्भाग्य से वह उन लोगों के लिए नहीं पहुंची.'
राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना
मामला सामने आने के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'इस अत्यंत दुखद घड़ी में इस छात्रा के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएं. जानबूझकर की गई नोटबंदी और देशबंदी से भाजपा सरकार ने अनगिनत घर उजाड़ दिए. यही सच्चाई है.'
इस अत्यंत दुखद घड़ी में इस छात्रा के परिवारजनों को मेरी संवेदनाएँ।
जानबूझकर की गयी नोटबंदी और देशबंदी से भाजपा सरकार ने अनगिनत घर उजाड़ दिए।
यही सच्चाई है। pic.twitter.com/TX5vG40fPC
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 9, 2020
सोनू सूद से भी मांगी थी मदद
रिपोर्ट के अनुसार ऐश्वर्या रेड्डी ने फिल्म अभिनेता सोनू सूद से भी मदद मांगी थी. छात्रा ने 14 सितंबर को सोनू सूद को लिखे ईमेल लिखा था, 'मेरे पास लैपटॉप नहीं है और मैं व्यावहारिक पेपर नहीं दे पा रही हूं. मुझे डर है कि मैं इन पेपर्स में फेल हो सकती हूं. हमारा परिवार पूरी तरह से कर्ज में है, इसलिए लैपटॉप खरीदने का कोई तरीका नहीं है. मुझे यकीन नहीं है कि मैं अपना स्नातक पूरा कर पाउंगी या नहीं.'
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