मामले में उद्यानिकी विभाग के उप सचिव श्रीकांत भनोट ने सभी संभाग कमिश्नर को पत्र लिखकर जांच करने को कहा है. साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश में ''नमामि देवी नर्मदे'' के बाद उद्यानिकी विभाग में एक और 40 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आया है. बताया जाता है कि टमाटर सहित अन्य फसल उत्पादन के लिए खेतो में बिछाई जाने वाली प्लास्टिक मल्चिंग के नाम पर यह घोटाला किया गया है. हालांकि शिकायत मिलने पर विभाग ने मामले जांच बिठा दी है.
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मामले में उद्यानिकी विभाग के उप सचिव श्रीकांत भनोट ने सभी संभाग कमिश्नर को पत्र लिखकर जांच करने को कहा है. साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की है. जानकारी के मुताबिक शिकायत में कहा गया है कि सभी जिलों के किसानों को प्लास्टिक मल्चिंग फ़िल्म की फर्जी बिलों पर इंदौर की ज्योति इंटरप्राइजेज से खरीदी की गई है.
विभाग की तरफ से तथ्यों के साथ की गई शिकायत में कहा गया है कि उद्यानिकी अधिकारियों ने इंदौर की कंपनी से मिलकर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और संरक्षित खेती योजना में फर्जी बिल, फर्जी चालान, फर्जी क्रेडिट नॉट और किसानों के फर्जी बैंक स्टेटमेंट लगाकर अनुदान में करोड़ों का घोटाला किया है.
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क्या होता प्लास्टिक मल्चिंग?
जब खेत में लगाए गए पौधों की जमीन को चारों तरफ से प्लास्टिक फिल्म द्वारा अच्छी तरह ढक दिया जाता है, तो इस विधि को प्लास्टिक मल्चिंग कहा जाता है. इस तरह पौधों की सुरक्षा होती है औऱ फसल उत्पादन भी बढ़ता है. बता दें कि यह फिल्म कई प्रकार और कई रंग में उपलब्ध होती है.
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