टीकमगढ़ जिला अस्पताल में उस वक्त डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई जब अपर कलेक्टर खुद मरीज बनकर जिला अस्पताल पहुंचे.
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टीकमगढ़: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के टीकमगढ़ जिला अस्पताल में उस वक्त डॉक्टरों की लापरवाही सामने आई जब अपर कलेक्टर खुद मरीज बनकर जिला अस्पताल पहुंचे.
यहां, एडीएम एसके अहिरवार ने आम मरीज की तरह बकायदा लाइन में लगकर ओपीडी का पर्चा बनाया. उसके बाद पर्चा लेकर वो डॉक्टर अम्ब्रीश शुक्ला के पास पहुंचे, जहां डाक्टर ने उनका पर्चा लिया और पूछा कि क्या परेशानी है. जिस पर एडीएम ने कहा कि पेट में बहुत दर्द है. जिसके बाद बगैर कोई जांच व परीक्षण किये सीधे पर्चे पर चार दवाएं लिख दी और पर्चा वापस थमा दिया.
इसके बाद जब एडीएम ने अपना परिचय दिया तो डॉक्टर कुर्सी से खड़े हो गए और कुछ न कह सके. एडीएम ने डॉक्टर को बिना चैकअप दवाएं लिख देने पर जमकर फटकार लगाई. साथ ही इसे मरीजों के प्रति लापरवाही बताया. और सभी का परीक्षण करने के बाद ही दवाएं लिखने की बात कही.
उन्होंने डॉक्टर से पूछा कि आज आप इस तरह से मरीज का बिना परीक्षण किए दवाएं देते जा रहे हैं. क्या ये सही है? आपको ऐसी लापरवाही नहीं करनी चाहिए. कम से कम मरीज का पूरा परीक्षण तो करें. ऐसे में कोई दवा रिएक्शन कर जाए या मरीज को लाभ न मिले तो.
दरअसल, जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार आए और मरीजों को समुचित सुविधाएं मिलें, इसके लिए कलेक्टर हर्षिका सिंह ने प्रशासनिक अधिकारियों को प्रतिदिन जिला अस्पताल जाने के निर्देश दिए हैं. जिसके चलते एडीएम एस.के. अहिरवार अस्पताल की व्यवस्थाएं देखने जिला अस्पताल पहुंचे थे. निरीक्षण दौरान उन्होंने अस्पताल के सभी वार्डों का भ्रमण कर सफाई आदि व्यवस्थाओं को देखा.
वहीं, उन्होंने मरीजों से बात कर अस्पताल से मिलने वाले उपचार के संबंध में जानकारी भी ली. वहीं एडीएम ने सिविल सर्जन एवं डॉक्टरों से कहा कि इस प्रकार की लापरवाही अब नहीं होनी चाहिए.