सियासी उठापठक के बीच बदले गए मध्य प्रदेश के पुलिस कप्तान, विवेक जोहरी को मिली कमान
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सियासी उठापठक के बीच बदले गए मध्य प्रदेश के पुलिस कप्तान, विवेक जोहरी को मिली कमान

कमलनाथ सरकार के एक साल के कार्यकाल के दौरान वीके सिंह अपने पद से हटाए जाने वाले पद से हटाए जाने वाले दूसरे डीजीपी हैं. इससे पहले कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही तत्कालीन डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला का तबादला कर दिया गया था.

मध्य प्रदेश के नवनियुक्त डीजीपी विवेक जौहरी (L), पूर्व डीजीपी वीके सिंह (R).

भोपाल: मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक के बीच राज्य का पुलिस कप्तान बदल दिया गया है. वीके सिंह के स्थान पर विवेक जोहरी को मध्य प्रदेश का नया डीजीपी बनाया गया है. वहीं वीके सिंह का ट्रांसफर स्पोर्ट्स एंड यूथ डिपार्टमेंट में कर दिया गया है. वह स्पोर्ट्स एंड यूथ डिपार्टमेंट के डायरेक्टर बनाए गए हैं.

आपको बता दें कि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी विवेक जोहरी अभी तक बीएसएफ (Border Security Force) के डीजी पद पर नियुक्त थे. वह  भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ (Research and Analysis Wing) में विशेष सचिव के पद पर भी तैनात रह चुके हैं. 

राजगढ़ कलेक्टर थप्पड़ कांड को लेकर नाराजगी थी 
कमलनाथ सरकार के एक साल के कार्यकाल के दौरान वीके सिंह अपने पद से हटाए जाने वाले पद से हटाए जाने वाले दूसरे डीजीपी हैं. इससे पहले कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही तत्कालीन डीजीपी ऋषि कुमार शुक्ला का तबादला कर दिया गया था. हालांकि, केंद्र सरकार ने बाद में ऋषि कुमार शुक्ला सीबीआई का प्रमुख बनाया.

राजगढ़ कलेक्टर के थप्पड़ कांड को लेकर कमलनाथ सरकार डीजीपी वीके सिंह से नाखुश थी. आपको बता दें कि राजगढ़ की कलेक्टर निधि निवेदिता ने एक पुलिसकर्मी को थप्पड़ जड़ दिया था. तत्कालीन डीजीपी वीके सिंह ने खुद पत्र लिखकर कमलनाथ सरकार से कलेक्टर निधि निवेदिता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.

हनीट्रैप कांड में एसआईटी प्रमुख को लेकर नाराजगी
वहीं मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप कांड की जांच के लिए गठित एसआईटी को लेकर भी वीके सिंह और कमलनाथ सरकार के बीच ठन गई थी. दरअसल, वीके सिंह ने हनीट्रैप कांड की जांच के लिए गठित एसआईटी प्रमुख की नियुक्ति कमलनाथ सरकार से बातचीत के बिना ही कर दी थी.

इसको लेकर कमलनाथ सरकार ने नाराजगी जाहिर की थी और 48 घंटे में ही एसआईटी चीफ बदल दिए गए थे. मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने को लेकर भी डीजीपी और कमलनाथ सरकार के बीच मतभेद सामने आए थे.

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