डॉ अनिरुद्ध दुबे का दावा है कि '6 महीने में स्वास्थ्य सुविधा लचर हो गई है, प्रदेश में चिकित्सा में लापरवाही से 1000 मौत हो चुकी हैं.'
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रायपुरः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन आरोग्य आयुष्मान भारत योजना की एक रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में महिलाओं की स्थिति को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि, गर्भाशय निकलवाने में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर है. आयुष्मान भारत योजना की ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि डॉक्टरों ने सात महीने में 3658 महिलाओं के गर्भाशय निकाले हैं. जिनमें 94.5 प्रतिशत ऑपरेशन निजी अस्पतालों में हुए और बाकि के 0.5 प्रतिशत ऑपरेशन सरकारी अस्पतालों में हुए हैं.
देश भर में आयुष्मान भारत योजना के तहत हुए आपरेशन में छत्तीसगढ़ में 21.2 फीसदी महिलाओं के गर्भाशय निकाले गए हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में 18.9 प्रतिशत, झारखंड में 12.3 प्रतिशत, गुजरात में 10.8 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 9 प्रतिशत और कर्नाटक में 6.6 प्रतिशत गर्भाशय निकालने के मामले क्लेम किए गए हैं.
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अस्पताल में गर्भ निकालने में छत्तीसगढ़ के नंबर वन होने पर भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ सह संयोजक डॉ अनिरुद्ध दुबे ने चिंता जताई है. डॉ अनिरुद्ध दुबे का दावा है कि '6 महीने में स्वास्थ्य सुविधा लचर हो गई है, प्रदेश में चिकित्सा में लापरवाही से 1000 मौत हो चुकी हैं. आयुष्मान भारत और यूनिवर्सल हेल्थ स्कीम को लेकर सरकार कंफ्यूजन में है. इतनी बड़ी संख्या में गर्भ निकाले जाना चिंता का विषय है.'
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उन्होंने आगे कहा कि 'छत्तीसगढ़ में कुछ साल पहले गर्भाशय कांड के बाद राज्य सरकार की गठित समिति की रिपोर्ट के बाद महिलाओं के गर्भाशय निकालने के पहले शासन कि अनुमति लेना अनिवार्य हो गया था. आयुष्मान में साफ है शासन की अनुमति होना चाहिये. इसमें शासकीय अमला भी दोषी हो सकता है, जो अनुमति दे रहा है. व्यक्तिगत लाभ के लिए भी गर्भाशय निकाले जा सकते हैं. इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए.'