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जशपुर में है विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग, हजारों सालों से हो रही पूजा, विशाल गुफा में रहते हैं महादेव!

World Biggest Shivling: छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है और जशपुर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. यूं तो जशपुर जिले में 2 दर्जन से अधिक पर्यटन स्थल हैं. इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण जशपुर का मधेसर महादेव पहाड़ है, जिसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मानकर कई दशकों से पूजा होती आ रही है.  

पर्यटन के लिए पहल

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पर्यटन के लिए पहल

कुनकुरी विकासखण्ड के मयाली गांव में स्थित मधेसर महादेव के दर्शन कई किलोमीटर दूर से किये जा सकते हैं. मधेसर महादेव को पर्यटन के मानचित्र में लाने कुनकुरी विधायक और सूबे के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहल शुरू कर दी है. मधेसर महादेव को स्वदेश दर्शन योजना में शामिल कर इसके सौंदर्यीकरण और विकास के लिए 40 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं.

कहां है मधेसर महादेव

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कहां है मधेसर महादेव

कुनकुरी विकासखण्ड मुख्यालय के मयाली गांव में स्थित मधेसर महादेव कटनी-गुमला नेशनल हाईवे से 5 किलोमीटर दूर और बतौली-चरईडांड़ स्टेट हाइवे के किनारे पर स्थित है. इस विशालकाय पर्वत की आकृति शिवलिंग के आकार की है. इस स्थल को सालों से यहां के आदिवासी और अन्य समाज के लोग महादेव मानकर पूजते आये हैं. 

विशाल गुफा

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विशाल गुफा

इस पर्वत के नीचे एक विशालकाय गुफा भी है. जहां आज तक कोई भी गुफा के आखिरी छोर तक नहीं पहुंच पाया. माना जाता है कि यहां महादेव खुद रहते हैं. इस शिवलिंग के ठीक सामने एक जलाशय भी है. 

कई सालों से मांग

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कई सालों से मांग

विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के आसपास सौंदर्यीकरण की मांग कई सालों से हो रही थी, जो अब सीएम ने पूरी की है. मुख्यमंत्री ने स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करते हुए इस स्थल के लिए 40 करोड़ रुपये स्वीकृत किये हैं. पहली किस्त के रूप में सरकार ने 10 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं.

40 से ज्यादा पर्यटन स्थल

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40 से ज्यादा पर्यटन स्थल

स्थानीय लोगों की मानें तो मधेसर महादेव को विकसित किये जाने के बाद जशपुर जिले में पर्यटन को उद्योग के रूप में आगे बढ़ाया जा सकता है. एक दर्जन से अधिक जलप्रपातों समेत 40 से अधिक पर्यटन स्थल हैं. 

सबसे ऊंचा जलप्रपात

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सबसे ऊंचा जलप्रपात

प्रदेश का सबसे ऊंचा जलप्रपात मकरभंजा जलप्रपात जशपुर में हैं. इसके अलावा यहां राजपुरी, रानीदाह, बेने, गुल्लू, कोतेबिरा, कैलाश गुफा, दरावघाघ समेत एक दर्जन से अधिक जलप्रपात हैं. ठंड के मौसम में जशपुर में पारा न्यूनतम 1 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. कई जगहों पर बर्फ की चादर बिछ जाती है. राम वन गमन के कई प्रमाण आज भी यहां मौजूद हैं.

रोजगार

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रोजगार

इन पर्यटन स्थलों में सिर्फ जिले भर के लोग आते हैं, लेकिन मधेसर महादेव को विकसित किये जाने के बाद देश विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक जशपुर पहुंचेंगे जो मधेसर महादेव के दर्शन के बाद जिले अन्य पर्यटन स्थलों पर जाएंगे. जिससे जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

जल्द होगा काम शुरू

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जल्द होगा काम शुरू

जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास ने बताया कि मधेसर महादेव और मयाली के विकास के लिए फंड की स्वीकृति मिल चुकी है. इसे भव्य पर्यटन स्थल बनाने की योजना शुरू हो चुकी है. जल्द ही इसका काम शुरू कर दिया जाएगा. 

देशी-विदेशी पर्यटक

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देशी-विदेशी पर्यटक

जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास का मानना है कि जल्द ही मधेसर महादेव के दर्शन के लिये जशपुर जिले के आसपास के जिलों से तो पर्यटक आने शुरू होंगे. देश विदेश से भी पर्यटक जल्द ही जशपुर पहुंचेंगे.

विशेष बनेगा जशपुर

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विशेष बनेगा जशपुर

प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस तरीके से जशपुर में पर्यटन के क्षेत्र में काम हो रहे हैं, निश्चित ही आने वाले दिनों में जल्द ही जशपुर देश के पर्यटन के मानचित्र पर एक विशेष स्थान लेगा और जल्द ही देश विदेश से भारी संख्या में पर्यटक जशपुर की तरफ खींचे चले आएंगे.