नगर परिषद डिंडौरी पर करीब 39 लाख रूपये का जल कर बकाया है. जिसकी वसूली के लिए जलसंसाधन विभाग ने नगर परिषद कार्यालय को 30 साल बाद नोटिस जारी किया है.
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डिंडौरी: मध्य प्रदेश के डिंडौरी जिले में सरकारी अफसरों की लापरवाही और मनमानी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. नगर परिषद डिंडौरी पर करीब 39 लाख रूपये का जल कर बकाया है. जिसकी वसूली के लिए जलसंसाधन विभाग ने नगर परिषद कार्यालय को 30 साल बाद नोटिस जारी किया है. हैरान करने वाली बात यह है नगर परिषद ने पिछले 30 सालों से जल कर जमा नहीं किया है और जलसंसाधन विभाग के अधिकारी जल कर की वसूली के लिए अब जाकर सक्रिय हुए हैं.
जलसंसाधन विभाग के अधिकारी की मानें तो वह पिछले 4 सालों से लगातार जल कर की बकाया राशि वसूली के लिए नगर परिषद कार्यालय से पत्राचार कर रहे हैं. तो वहीं नगर परिषद के अध्यक्ष ने जलसंसाधन विभाग के अधिकारीयों के इस रवैये पर हैरानी जाहिर की है. नगर परिषद अध्यक्ष ने तीस सालों से जल कर बकाया होने के मामले में जलसंसाधन विभाग के अधिकारीयों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
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आपको बता दें की नगर परिषद सीएमओ को पत्र लिखकर कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग ने वर्ष 1990 से अब तक का लंबित 38 लाख 95 हजार दो सौ रुपये जलकर जमा कराने की बात कही है. नगर परिषद ने 1990 से न तो नर्मदा नदी से पानी लेने पर जलकर जमा किया और न ही जलसंसाधन विभाग अपनी राशि लेने में सक्रिय नजर आया. इतने वर्षों बाद अब पत्राचार शुरू होने से आरोप प्रत्यारोप के दौर भी शुरू हो गया है.
जल संसाधन विभाग द्वारा लिखे पत्र में यह उल्लेख किया गया कि संभावित तौर पर नगर परिषद द्वारा नगर में जलापूर्ति के लिए नर्मदा नदी से 36 लाख घनमीटर प्रतिवर्ष पानी लिया गया है और इसी हिसाब से जलकर की राशि भी जोड़ी गई है. लापरवाही की हद तो यह है कि अब तक इस पर अनुबंध भी नहीं हो सका है. नगर में पानी की सप्लाई नगर परिषद द्वारा नर्मदा नदी से पानी लेकर की जाती है. नर्मदा नदी से पानी पहले फिल्टर प्लांट में लेने के बाद उसे फिल्टर कर नगर में सप्लाई किया जाता है.
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