MP में मंत्रियों को विभाग तो मिले पर डोर वित्त मंत्रालय के हाथ, मोहन सरकार का बड़ा फैसला
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MP में मंत्रियों को विभाग तो मिले पर डोर वित्त मंत्रालय के हाथ, मोहन सरकार का बड़ा फैसला

MP News: मोहन सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके तहत मध्य प्रदेश के कई विभागों की योजनाओं पर फिलहाल आर्थिक पाबंदी नजर आ रही है. 

वित्तीय पाबंदी

मध्य प्रदेश में फिजूलखर्ची रोकने के लिए मोहन सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके तहत वित्त विभाग ने प्रदेश के 33 विभागों की 70 से ज्यादा योजनाओं पर फिलहाल वित्तीय पाबंदी लगा दी है. यानि इन योजनाओं पर पैसा खर्च करने के लिए संबंधित विभाग को पहले वित्त विभाग से मंजूरी लेनी होगी, अगर मंजूरी मिलती है तो ही योजनाओं पर पैसा खर्च किया जा सकेगा. बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से यह वित्तीय पाबंदी 2025 तक लागू रहेगी. यानि नया वित्तीय साल शुरू होने से पहले सरकार की यह रोक जारी रहेगी. माना जा रहा है कि योजनाओं पर फिजूलखर्ची रोकने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है. 

मोहन सरकार ने फिजूलखर्ची पर रोक लगाने लिया फैसला 

दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने हाल फिलहाल में कई प्रमुख योजनाओं को संचालित करने के लिए कर्ज लिया है. जिससे फिलहाल प्रदेश के खजाने पर 4 लाख करोड़ का कर्ज हो गया है. ऐसे में सरकार ने फिजूलखर्ची पर भी रोक लगाने का फैसला लिया है. बताया जा रहा है कि अगस्त महीने में भी सरकार नया कर्ज लेने की तैयारी में हैं. ऐसे में एक महीने के अंदर ही सरकार 10 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी होगी. जिससे कुछ योजनाओं में फिलहाल कटौती देखने को मिल रही है. सरकार ने कहा कि योजनाओं पर पैसा वित्तीय विभाग की मंजूरी के बाद ही मिलेगा. यानि अगर वित्त विभाग ने मंजूरी नहीं दी तो फिर पैसा अप्रूव नहीं होगा. 

एमपी सरकार की यह योजनाएं शामिल 

  • सड़कों की मरम्मत 
  • डामरीकरण और नवीनीकरण 
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
  • संबल योजना 
  • पीडब्ल्यूडी की सड़कों के सुधार
  • बोनस का पैसा 
  • सोलर पंप स्कीम
  • विदेश अध्ययन

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इसके अलावा भी कई छोटी-बड़ी योजनाएं शामिल हैं, इन योजनाओं के संचालन के लिए संबंधित विभागों को वित्त विभाग को पहले फाइल भेजनी होगी, उसके बाद अगर वित्त विभाग से मंजूरी मिल जाती है तो फिर योजनाओं के लिए बजट आवंटित होगा. अगर वित्त विभाग की तरफ से मंजूरी नहीं मिलती है तो फिर योजना के संचालन पर रोक रहेगी. बता दें कि पिछले कुछ दिनों में सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ा है. क्योंकि कई योजनाओं को संचालित करने के लिए कर्ज लेना पड़ा है. ऐसे में यह फैसला भी अहम माना जा रहा है. 

माना जा रहा है कि 2025 तक इन पर रोक रहेगी. यानि मोहन सरकार नए वित्त वर्ष में ही अब इस फैसुले से पाबंदी हटाएगी. फिलहाल बजट में जिन योजनाओं का जिक्र किया गया है, उन योजनाओं पर भी सरकार ने फोकस करने की बात कही है. 

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