8 सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठे बस ऑपरेटर, दे रहे उग्र आंदोलन की चेतावनी
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8 सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर बैठे बस ऑपरेटर, दे रहे उग्र आंदोलन की चेतावनी

बस ऑपरेटर संघ का कहना है वे अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. जब तक बस संचालकों की मांग शासन पूरी नहीं करेगा तब तक बसों का संचालन शुरू नहीं किया जाएगा. साथ ही संघ ने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है. 

सांकेतिक तस्वीर

धमतरी: कोरोना काल में जन जीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. दफ्तर और बाजार खुलने लगे हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में बसों का संचालन अब तक शुरू नहीं हो पाया है. बस ऑपरेटर अपनी 8 सूत्रीय मांग को लेकर शासन से उम्मीद लगाए हुए हैं, लेकिन शासन की ओर से कोई फैसला नहीं सुनाया गया है. धमतरी बस ऑपरेटर संघ अब अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बस स्टैंड में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए हैं. 

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बता दें कि राज्य सरकार ने अनलॉक के साथ बसों के संचालन को भी हरी झंडी दे दी थी. जिसके साथ ही बस ऑपरेटर्स ने अपनी टैक्स में छूट देने की मांग रख दी थी. इस विषय में परिवहन विभाग के अधिकारियों और बस ऑपरेटरों के बीच बैठक आयोजित की गई और बस ऑपरेटरों को टैक्स में छूट देने का निर्णय लिया गया. कुछ ऑपरेटरों ने बसों का संचालन शुरू किया ही था कि 22 जुलाई से फिर लॉकडाउन घोषित कर दिया गया.

हालांकि छह अगस्त को राज्य सरकार ने बसें चलाने का आदेश जारी कर दिया था, लेकिन तब बस संचालकों ने सरकार के सामने अपनी आठ सूत्री मांग रख दी. तब से बसों का संचालन बंद है. बस ऑपरेटर संघ का कहना है वे अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं. जब तक बस संचालकों की मांग शासन पूरी नहीं करेगा तब तक बसों का संचालन शुरू नहीं किया जाएगा. साथ ही संघ ने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है. 

क्या है बस मालिकों ने 8 सूत्रीय मांग? 
1-सितंबर 2020 से मार्च 2021 तक टैक्स में छूट 
2- डीजल के वैट टैक्स में 50 प्रतिशत तक कटौती
3-फार्म के एवं फार्म एम की साल में दो माह की बाध्यता समाप्त की जाए 
4-डीजल की बढ़ती कीमत के साथ यात्री किराया में वृद्धि 
5-टोल टैक्स में छूट
6-एक प्राधिकार बनने से पहले जो काम आरटीओ द्वारा किया जाता था उसे दोबारा लागू करने की मांग
7-स्लीपर कोच पर लगने वाले डबल टैक्स को समाप्त करने की मांग
8-व्हीलबेस के आधार पर बैठक क्षमता को निर्धारित करना समाप्त किया जाए

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