छत्‍तीसगढ़ सरकार किसानों के बकाया सिंचाई कर को माफ करेगी : CM
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छत्‍तीसगढ़ सरकार किसानों के बकाया सिंचाई कर को माफ करेगी : CM

मुख्‍यमंत्री बघेल ने कहा कि किसानों को कर्ज के कुचक्र से मुक्ति दिलाए बिना उनकी और गांवों की स्थिति सुधारी नहीं जा सकती.

किसानों को मिलेगी राहत. फाइल फोटो

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि उनकी सरकार किसानों के बकाया सिंचाई कर को माफ करेगी. मुख्यमंत्री ने आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड मैदान में गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण कर परेड की सलामी ली.

समारोह को संबोधित करते हुए बघेल ने कहा कि किसानों को कर्ज के कुचक्र से मुक्ति दिलाए बिना उनकी और गांवों की स्थिति सुधारी नहीं जा सकती. इसलिए राज्य सरकार ने मंत्रिपरिषद की पहली बैठक में 16 लाख 65 हजार किसानों का लगभग छह हजार 230 करोड़ रुपए का अल्पकालिक कृषि ऋण माफ कर दिया है. खुशी है कि इस फैसले का न सिर्फ किसान परिवारों ने बल्कि राज्य के सभी वर्गों ने समर्थन किया है.

उन्होंने घोषणा की कि किसानों की लगभग 15 वर्षों से लम्बित सिंचाई कर की बकाया राशि को मिलाकर अक्टूबर, 2018 तक सिंचाई कर की 207 करोड़ रूपए की बकाया राशि भी माफ की जाएगी. इससे लगभग 15 लाख किसानों को राहत मिलेगी. साथ ही सरकार ने रबी फसलों के लिए बंद पड़ी सिंचाई सेवाओं को तत्काल प्रभाव से प्रारंभ करने का निर्णय भी लिया है.

बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को धान के कटोरे के रूप में सम्मान दिलाने वाले अन्नदाताओं का यह हक है कि उन्हें धान का सम्मानजनक दाम मिले. राज्य सरकार ने मंत्रि-परिषद की पहली बैठक में राज्य के किसानों से 25 सौ रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का वादा पूरा किया. केंद्रीय पूल में चावल खरीदी की मात्रा बढ़ाने का निवेदन केंद्र सरकार से किया गया है. मांग नामंजूर होने की स्थिति में भी राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाएगी.

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फाइल फोटो

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि से संबंधित समस्त योजनाओं का लक्ष्य अन्नदाताओं का स्वावलंबन और खुशहाली हो. इसलिए कृषि विभाग का नाम बदलकर 'कृषि विकास, किसान कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग' किया गया है जिससे किसान कल्याण का लक्ष्य सदा हमारी नजरों के सामने रहे.

उन्होंने कहा कि सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रूपए करने का निर्णय लिया गया है. इन फैसलों से किसानों तथा वनोपज पर आश्रित आदिवासी भाई-बहनों का आर्थिक सशक्तीकरण होगा.

बघेल ने कहा कि पांचवीं अनुसूची वाले क्षेत्रों में सरगुजा तथा बस्तर संभाग के जिलों की तरह कोरबा जिले में भी जिला कैडर में भर्ती की सुविधा देने का निर्णय लिया है. साथ ही इन सभी जिलों में भर्ती की अवधि दो वर्ष बढ़ा दी गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने झीरम घाटी की दुखदाई घटना से पीड़ित परिवारों को शीघ्र न्याय दिलाने की दिशा में मजबूत कदम उठाते हुए एसआईटी जांच की घोषणा की है. राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का संचालन करने वाली संस्था नागरिक आपूर्ति निगम (नान) की कार्यप्रणाली को लेकर अनेक प्रश्नचिह्न लगे थे, इसलिए हमने 'नान घोटाले' की एसआईटी जांच की घोषणा की है.

उन्होंने कहा कि खनिज धारित क्षेत्रों में खनन से प्रभावित होने वाले पर्यावरण तथा जनता के हितों की रक्षा के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास (डीएमएफ) का गठन किया गया था. इस निधि में नवम्बर 2018 तक तीन हजार 336 करोड़ रुपए का अंशदान प्राप्त हुआ और दो हजार 400 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई. वास्तव में यह राशि एक तरह से खनन प्रभावित आबादी को हुई क्षति की भरपाई के लिए थी, लेकिन इसका उपयोग काफी गैर जिम्मेदारी से किया गया. इसलिए हमने इस पूरे मामले की समीक्षा का निर्णय लिया है और अनावश्यक निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है जिससे जनता का पैसा जनहित में इस्तेमाल किया जा सके.

बघेल ने कहा कि सरकारी खर्चों में मितव्ययिता बरतने के लिए हमने ऐसे प्रकरणों पर जाँच के आदेश दिए हैं, जिनमें भ्रष्टाचार के प्रथम दृष्टया प्रमाण मिले हैं. आम जनता को लाल-फीताशाही तथा सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से बचाने के लिए ‘छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम’ के तहत निर्धारित समय-सीमा में कार्य सुनिश्चित कराया जाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ वर्षो में प्रदेश में अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरा बहुत बढ़ा है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता लोकतंत्र की पहली शर्त है इसलिए हमने स्वतंत्र प्रेस के समर्थन में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी है.

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