छत्तीसगढ़: मदरसे में पढ़ाई के बहाने मुंबई ले जाए जा रहे थे 13 बच्चे, तस्करी की आशंका
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छत्तीसगढ़: मदरसे में पढ़ाई के बहाने मुंबई ले जाए जा रहे थे 13 बच्चे, तस्करी की आशंका

मामला शनिवार की सुबह उस वक्त का है जब शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस में रायपुर रेल मंडल कमर्शियल विभाग रायपुर से टिकट चेक करते हुए एस 1 से एस 8 कोच में पहुंचे.

इससे पहले राजनांदगांव स्टेशन पर भी 40 बच्चों को रेस्क्यू कराया गया था. (सांकेतिक तस्वीर)

रायपुरः छत्तीसगढ़ के रायपुर रेल मंडल की टिकट चेकिंग स्क्वाड की सजगता से 13 बच्चों को रेस्क्यू कराया है. इन मुस्लिम बच्चों को मदरसे में पढ़ाने के बहाने ले जाया जा रहा था. चेकिंग स्टाफ ने इसकी सूचना मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में कमर्शियल कंट्रोल ऑफिस रायपुर रेल मंडल के उच्च अधिकारियों व रेलवे सुरक्षा बल को दी, जिसके  बाद सभी बच्चों को दुर्ग स्टेशन पर उतार लिया और रेलवे सुरक्षा बल दुर्ग को सौंपा दिया गया है. दरअसल, मामला शनिवार की सुबह उस वक्त का है जब शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस में रायपुर रेल मंडल कमर्शियल विभाग रायपुर से टिकट चेक करते हुए एस 1 से एस 8 कोच में पहुंचे.

टिकट चेकिंग के दौरान सीट क्रमांक 27- 28 बर्थ पर लगभग 6 से 14 साल की उम्र के एक दर्जन से भी अधिक बच्चे भी सफर कर रहे थे, उन्हें एक व्यक्ति मदरसे पढ़ाई के बहाने ले जाया जा रहा था. इसी बीच टीटीई को कोई शंका हुई जिसके बाद टीटीई ने बच्चो से पूछा तो बातचीत के दौरान स्पष्ट जवाब नही मिला, जिसके बाद चेकिंग स्टाफ ने आरपीएफ को सूचना दी दुर्ग रेलवे स्टेशन पहुंचने पर सभी बच्चों को उतार लिया गया. इन सभी बच्चों को अपने साथ महाराष्ट्र ले कर जाने वाले व्यक्ति से आर.पी.एफ. के जवानों और  अधिकारियों के द्वारा कड़ी पूछताछ की जा रही है. वो सभी बच्चों को कहा लेकर जा रहा था वही इस मामले को लेकर दुर्ग तकियापारा के सरफराज अहमद कुरैशी ने कहा की ये सभी बच्चे पढ़ाई करने जा रहे हैं.             

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आपको बता दें कि दो दिन पहले ही राजनांदगांव स्टेशन पर 40 बच्चों का रेस्क्यू कर बच्चों की तस्करी का बड़ा मामला सामने आया था. मानव तस्करी की शिकायत के बाद आरपीएफ ने राजनांदगांव रेलवे स्टेशन पर ट्रेन  से 40 बच्चों का रेस्क्यू किया. ऐसे में एक बार फिर दुर्ग में भारी संख्या में बच्चों के मिलने से सनसनी फैल गई और पुरा मामला समझते किसी को देर नहीं लगी. दुर्ग की आर.पी.एफ. थाना प्रभारी पी. तिवारी ने बताया कि उन्हें हेल्प लाइन नंबर पर सुचना मिली थी 12 से 13 बच्चे संदिग्ध अवस्था में ट्रेन में ले जाया जा रहा है. उसके आधार पर जीआरपी को सूचना देकर 13 बच्चों को दुर्ग स्टेशन उतारा गया. उनके साथ एक आदमी भी था जिससे पूछताछ कि जा रही है.

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