छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ विधानसभा सीट में उपचुनाव के लिए निर्वाचन आयोग ने चुनावी कार्यक्रम जारी कर दिया है. इसी के साथ ही कांग्रेस ने खैरागढ़ उपचुनाव में जीत का दावा कर दिया है.
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चुन्नीलाल देवांगन/रायपुर: छत्तीसगढ़ की खैरागढ़ विधानसभा सीट में उपचुनाव का बिगुल बज गया है. 17 मार्च को अधिसूचना के प्रकाशन के साथ ही चुनाव प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जबकि 12 अप्रैल और 13 अप्रैल को मतगणना के बाद परिणाम जारी किए जाएंगे. उपचुनावों के ऐलान के साथ ही कांग्रेस ने खैरागढ़ उपचुनाव जीतने का दावा कर दिया है. कांग्रेस का दावा है कि उनके पास नेतृत्व है. उनके पास कामकाज की लंबी फेहरिस्त है, जिसके दम पर वो जनता के बीच जाएंगे.
कांग्रेस को जीत का भरोसा
कांग्रेस के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पार्टी खैरागढ़ उपचुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है. चुनाव में जाने के लिए हमारे पास मुद्दे है. कांग्रेस सरकार के प्रभावी काम है, जिसकी बदौलत कांग्रेस पार्टी ने लोगों का भरोसा जीता है. हमारे पास नेतृत्व है उस नेतृत्व के दम पर हम चुनाव पर जाएंगे.
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कामकाज की लंबी फेहरिस्त
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सरकार की उपलब्धि के कारण जनता का कांग्रेस के प्रति एक नया विश्वास पैदा हुआ है. उसी विश्वास के दम पर हम खैरागढ़ उपचुनाव भी जीतेंगे. इसका हमें पूरा भरोसा है. हमारे पास सरकार के कामकाज की लंबी फेहरिस्त है.
बीजेपी ने भी किया प्रचंड मतों से जीत का दावा
वहीं नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि इस चुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरह से गंभीर है. 2018 के चुनाव में बहुत कम अंतराल से हम पीछे रहे हैं. इस विधानसभा उपचुनाव को लेकर हमारे सभी कार्यकर्ता लगे हुए हैं. अपेक्षित परिणाम आएंगे. सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं में चुनाव को लेकर उत्साह है. जनता पहले से मन बना चुकी है और इस बात का संकेत पहले से आ रहा है. उपचुनाव में भाजपा प्रचंड मतों से जीत दर्ज कर रही है.
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ये है निर्वाचन आयोग का कार्यक्रम
- उपचुनाव की प्रक्रिया 17 मार्च को अधिसूचना के प्रकाशन से शुरू होगी
- 17 मार्च से नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी
- नामांकन की आखिरी तारीख 24 मार्च निर्धारित की गई है
- 25 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी
- 28 मार्च तक प्रत्याशियों को अपने नाम वापस लेने का मौका दिया जाएगा
- मतदान 12 अप्रैल को और 16 अप्रैल को मतगणना और परिणाम जारी होंगे
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देवव्रत सिंह के निधन से खाली हुई थी सीट
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के देवव्रत सिंह ने इस सीट पर भाजपा की कोमल जंघेल को 870 वोटों के अंतर से हराया था. नवम्बर 2021 में देवव्रत सिंह का निधन हो गया. इसके बाद से यह सीट खाली है.
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जीत के लिए जुटे तीनों दल
भाजपा हर हाल में यह सीट जीतने की कोशिश में हैं, ताकि स्थानीय चुनाव में हार का सिलसिला तोड़ा जा सके. वहीं कांग्रेस इस सीट को अपने खाते में जोड़ने के लिए जमीनी तैयारियां शुरू कर चुकी है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ भी सीट को बरकरार रखने की कोशिश में है.
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