CG Assembly Election 2023: चुनाव आते ही कई नए दल मैदान में नजर आने लगते हैं. इन्हें में से एक है सर्व आदिवासी समाज जो छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में उतरने का ऐलान कर चुका है. ऐसे में माना जा रहा है कि अरविंद नेताम अकेले बीजेपी और कांग्रेस की खेल बिगाड़ सकते हैं.
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Chhattisgarh Vidhansbha Chunav 2023: रायपुर। अगले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके लिए बीजेपी कांग्रेस के आला नेता प्रदेश के दौरे करने लगे हैं. दोनों की पहले प्राथमिकता प्रदेश में सरकार बनाना है. लेकिन, राज्य में इंटर हुए एक नए दल से दोनों के समीकरण बिगड़ सकते हैं. ये समीकरण है मिशन 39 का जिसपर सेंध लगाने के लिए सर्व आदिवासी समाज के अरविंद नेताम तैयार है. उनका प्लान प्रदेश के लगभग 50 सीटों पर चुनाव लड़ने का है.
क्या बिगड़ सकता है खेल?
जगदलपुर के पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री व सर्व आदिवासी समाज नेता अरविंद नेताम ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मीडिया से बात की थी. उन्होंने कहा था कि प्रदेश की 29 आदिवासी आरक्षित सीटों में समाज चुनाव लड़ेगा. इसके साथ ही ऐसी 20 सीटों पर हम भी कैंडिडेट उतारेंगे जहां आदिवासी समाज का वोट बैंक चुनाव को प्रभावित कर सकता है. यहां हम अन्य समाज का भी समर्थन लेंगे.
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चुनाव से पहले होगा अरविंद नेताम का इस्तीफा
चुनाव से पहले वे कांग्रेस पार्टी छोड़ सकते हैं. अपने इस्तीफे को लेकर उन्होंने छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा को पत्र भी लिखा है. हालांकि, उनका अभी तक प्रतिउत्तर प्राप्त नहीं हुआ है. लेकिन, चुनाव से पूर्व उनके द्वारा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया जाएगा.
क्या है मिशन 39 ?
छत्तीसगढ़ की वो 39 सीट जिसके लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पूरा जोर लगा रही है. इसमें आदिवासियों के लिए आरक्षित 29 सीटें और अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 10 सीटें शामिल हैं. ST और SC के लिए आरतक्षित सीटें मिलकर मिशन 39 बनाती है. इन्हीं में सेंध मारने के लिए सर्व आदिवासी समाज लगा हुआ है. अब माना जा रहा है कि अरविंद नेताम कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 39 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं.
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अभी 39 में किसका-कितना जलवा है
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 2018 में कांग्रेस ने 68 सीटों पर भारी जीत हासिल की थी. इसमें कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए आरक्षित 29 में 27 सीट पर जीत दर्ज की थी. जबकि, भाजपा कुल 15 सीटें ही अपने खाते में ला पाई थी. हालांकि, 2013 तक बीजेपी को इस वर्ग का अच्छा साथ मिल था. वहीं जोगी कांग्रेस और BSP गठबंधन के खाते में 7 सीटें गईं थी. बाद में उपचुनाव हुए और कांग्रेस ने बढ़त हासिल कर अपनी सीटों की संख्या को 71 कर लिया. ऐसे में अब दोनों दलों की नजर मिशन 39 पर है.
क्या है छत्तीसगढ़ की समीकरण
छत्तीसगढ़ में की 90 विधानसभा सीटों में से 39 आरक्षित वर्ग के लिए हैं. इसमें से 29 सीटें अनुसूचित जनजाति और 10 सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं. आरक्षित सीटों के बाद बची 51 सीटें अन रिजर्व हैं. हालांकि, इनमें से लगभग 12 सीटों पर अनुसूचित जाति वर्ग का अच्छा प्रभाव है. इसके अलावा प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी करीब 47 प्रतिशत जो एक चौथाई विधायक चुनकर सदन में भेजती है.
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