Chhattisgarh News: दुनिया में ज्यादातर लोग सामान्य सांप को देखकर भी डर जाते हैं. लेकिन धमतरी जिले के रहने वाले सूर्यकांत साहू के सामने जहरीले से जहरीले सांप भी फन झुका देते हैं. वे अब तक 3 हजार 500 से ज्यादा सांप पकड़ चुके हैं.
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सुभाष साहब/धमतरी: दुनिया में कई तरह के खतरनाक सांप पाए जाते हैं. जिसे देखकर हमारी हालत खराब हो जाती है. हम सोचते हैं कि इनसे अपनी जान कैसे बचाई जाए. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इन खतरनाक सांपों से कोई डर नहीं है. दरअसल, ऐसे लोगों को सामने देखकर जहरीले सांप भी अपना रास्ता बदल लेते हैं. ऐसे ही एक शख्स हैं छत्तीसगढ़ के धमतरी के रहने वाले सूर्यकांत साहू. खबर मिलते ही वह अपने काम से समय निकालकर जानलेवा जहरीले सांपों को पकड़ने पहुंच जाते हैं. उन्होंने सांप पकड़ने की तकनीक यूट्यूब से सीखी है. बता दें कि वे पिछले 17 सालों से सेवा कर रहे हैं और अब तक वह 3 हजार 500 से अधिक जहरीले सांपों को पकड़ चुके हैं. जिसमें दुनिया का सबसे जहरीला सांप रसेल वाइपर भी शामिल है.
सांप पकड़ने की निशुल्क सेवा
धमतरी शहर से लगे ग्राम रूद्री में रहने वाले सूर्यकांत गांव और आसपास का जाना-पहचाना नाम है. करीब 50 वर्षीय सूर्यकांत पेशे से गोपालन हैं और सांप पकड़ने की मुफ्त सेवा भी देते हैं. आपको बता दें कि वह पिछले 17 सालों से सेवा कर रहे हैं और अब तक 3 हजार 500 से ज्यादा जहरीले सांप पकड़ चुके हैं. उनका कहना है कि सांप भी अन्य प्राणियों की तरह ही हैं, उन्हें मारना उचित नहीं है. लोग सांप देखते ही डर जाते हैं और उसे मार देते हैं. लेकिन मैं सांपों को जिंदा पकड़ता हूं और जंगल में छोड़ देता हूं.
यूट्यूब से सीखा तरीका
सूर्यकांत साहू ने बताया कि साल 2008 से उनके मन में यह भावना आई कि उन्हें अपना निजी काम करने के साथ-साथ जनसेवा का दायित्व भी उठाना चाहिए. ऐसे में मैंने सांप और इंसान दोनों को बचाने का फैसला किया और 2008 से मैंने यूट्यूब पर सांपों की प्रजातियों, उन्हें पकड़ने की तकनीक और अन्य संबंधित वीडियो का अध्ययन किया और सांपों को पकड़ना शुरू कर दिया. सूर्यकांत ने बताया कि वन विभाग इन्हें सांप पकड़ने के लिए भी बुलाता है. लेकिन आज तक उन्हें वन विभाग से कोई सम्मान नहीं मिला है.
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हिम्मत की तारीफ
गौरतलब है कि धमतरी शहर और आसपास के करीब दो दर्जन गांवों में लोग अपने घर या दफ्तर में सांप देखते हैं तो सूर्यकांत को बुलाते हैं. जिसके कारण लोग उन्हें संर्प मित्र कहते हैं. लोगों का कहना है कि सूर्यकांत अपनी जान जोखिम में डालकर घरों या दफ्तरों में घुसने वाले सांपों को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ देते हैं. हर कोई उनकी हिम्मत की तारीफ करते नहीं थकता.