English in Chhattisgarhi: छत्तीसगढ़ी में अंग्रेजी पढ़ा मशहूर हुई शिक्षिका, CM ने कलेक्टर को सम्मान करने भेजा
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English in Chhattisgarhi: छत्तीसगढ़ी में अंग्रेजी पढ़ा मशहूर हुई शिक्षिका, CM ने कलेक्टर को सम्मान करने भेजा

English in Chhattisgarhi: जांजगीर के पामगढ़ ब्लाक के मुलमुला हाई स्कूल की शिक्षिका ने ऐसा काम कर दिया की एक ही दिन में मशहूर हो गई. मशहूर भी इतना की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कलेक्टर को फोनकर उनका सम्मान करने का आदेश दिया.

English in Chhattisgarhi: छत्तीसगढ़ी में अंग्रेजी पढ़ा मशहूर हुई शिक्षिका, CM ने कलेक्टर को सम्मान करने भेजा

English in Chhattisgarhi: जितेंद्र कंवरो/जांजगीर चांपा। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल में 5 सितंबर शिक्षक दिवस के मौके पर छत्तीसगढ़ को बढ़ावा देने के लिए घोषणा की थी. इसका अनुसरण करते हुए जांजगीर जांपा की एक महिला शिक्षक ने ऐसा कमाल कर दिया कि उनका समस्मान करने के लिए खुद कलेक्टर और  शिक्षा अधिकारी को स्कूल पहुंचना पड़ा. स्कूल पहुंचे अधिकारियों ने शिक्षिका का सम्मान कर सभी को छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का निर्देश दिया.

नवाचार का वीडियो हो गया वायरल
शिक्षिका प्रतिक्षा सिंह ने अपना विषय सामाजिक अध्ययन का पाठ बढ़ाया और व्यवस्था पर मिले इंग्लिश विषय को छत्तीसगढ़ी में पढ़ना शुरू किया. स्कूल में पहली बार अंग्रेजी को छत्तीसगढ़ी में पढ़ाने के इस अनुभव की वीडियो भी रिकॉर्डिंग की गई और फेसबुक में अपलोड किया गया. इस पोस्ट को सीएम भूपेश बघेल ने देखा और सराहना करते हुए ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया पर शेयर किया.

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मुख्यमंत्री के आदेश पर पहुंचे कलेक्टर
मुख्यमंत्री ने वीडियो देखने के बाद कलेक्टर को उस शिक्षिका का सम्मान करने का आदेश किया. जिसपर बुधवार को कलेक्टर और आज गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी ने मुलमुला स्कूल पहुंच कर बच्चों और स्टाफ से सामने आकांक्षा सिंह का सम्मान किया. उन्होंने मुख्यमंत्री के आदेश के अनुसार छत्तीसगढ़ी भाषा की जानकारी देने के लिए सभी शिक्षकों को एक दिन माध्यम बदल कर पढ़ाने का आग्रह किया.

हिंदी का बजाय छत्तीसगढ़ी में ट्रांसलेट किया
बता दें प्रतिक्षा सिंह ने अंग्रेजी भाषा को आसानी से बच्चों को समझाने के लिए हिंदी के बजाय छत्तीसगढ़ी में ट्रांसलेट किया, जिसका असर बच्चों में तत्काल देखने मिला और बच्चे बड़ी आसानी से उस अध्याय को समझ गए.

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बच्चों के साथ स्टाफ की चहेती
प्रतिक्षा सिंह वैसे तो आर्ट विषय के टीचर हैं, लेकिन इंग्लिश की टीचर की नियुक्ति नहीं होने और इंग्लिश में अपनी अच्छी पकड़ होने के कारण उन्हें ये विषय पढ़ाने की जिम्मेदारी मिली थी. वो नवाचार में विशेष लगाव रखती हैं, जिसके कारण वो बच्चों के साथ स्टाफ की भी चहेती हैं.

शहीद की पत्नी हैं प्रतीक्षा
सोनसरी गांव की रहने वाली प्रतिक्षा सिंह का पारिवारिक पृष्ठ भूमि भी अहम है. सास ससुर शिक्षक रहे और पति रुद्र प्रताप सिंह नक्सलियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे.

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