Gariaband News: गरियाबंद जिले के देवभोग विकासखंड के आमाढ़ गांव के तेल नदी में एक दुर्लभ पफर मछली मिली है. नहाते समय युवकों ने इस मछली को पकड़ा. इस मछली की खासियत की बात करें तो ये पकड़ने पर यह फिश फूलने लगती है. बता दें कि इस मछली में घातक टॉक्सिन पाया जाता है.
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Gariaband Puffer Fish: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग विकासखंड के आमाढ़ गांव की तेल नदी में एक दुर्लभ पफर मछली मिली है. नहाते समय युवकों ने इस मछली को पकड़ा और जब इसे छुआ गया तो मछली तेजी से फूलने लगी, जो इस क्षेत्र में पहली बार देखा गया. बता दें कि स्थानीय लोग नहाते समय इस मछली को नदी किनारे तैरते हुए देखा और जैसे ही उन्होंने इसे पकड़ा, मछली तेजी से फूलने लगी, जिससे लोग आश्चर्यचकित रह गए. इस प्रकार की मछली इस क्षेत्र में पहली बार देखी गई है, और इसे देखकर स्थानीय लोग पहले सोशल मीडिया पर ही इसके बारे में जानते थे.
पफर मछली की खासियत
बता दें कि पफर मछली की खासियत ये है कि यह खतरे की स्थिति में अपने आप को फूलकर बड़ा कर लेती है, जिससे यह शिकारियों को डराती है. इसमें पाया जाने वाला घातक टॉक्सिन इंसानों के लिए बेहद खतरनाक होता है. मछली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि यह मछली विश्व के विभिन्न देशों में पाई जाती है, लेकिन भारत में इसकी उपस्थिति दुर्लभ है. जापान, चीन, और अन्य देशों में इस मछली के सेवन से कई मौतें हो चुकी हैं.
मछली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस मछली की कई प्रजातियां विभिन्न देशों की नदियों में पाई जाती हैं, लेकिन यह मछली काफी दुर्लभ है. पफर मछली देखने में जितनी हैरान करने वाली है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, इस मछली में एक घातक टॉक्सिन होता है जो इंसानों के लिए बहुत खतरनाक होता है. पफर मछली भारत के अलावा जापान, चीन, साउथ अफ्रीका, फिलीपींस और मेक्सिको जैसे देशों में भी पाई जाती है.
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जानिए क्यों फूल जाती है?
यह मछली अपने आप को बचाने के लिए फूल जाती है. जब मछली को लगता है कि उसे कोई खतरा है या कोई जीव उसका शिकार कर रहा है, तो वह अपने आप को फुला लेती है. इस पूरी प्रोसेस से वह शिकार होने से बच जाती है और अपने शिकारी को डरा देती है. इस दौरान मछली की स्किन से निकलने वाला घातक टॉक्सिन उसको प्रोटेक्ट करता है, लेकिन यह टॉक्सिन इंसानों के लिए भी बहुत ही ज्यादा खतरनाक हो सकता है.