Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में सरकारी स्कूलों की ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. यहां के सरकारी स्कूलों में लगातार शिक्षकों की कमी बनी हुई है. वहीं, 400 से अधिक स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चलाए जा रहे हैं.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में 25 जून से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने जा रहा है. लेकिन अभी भी बस्तर के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है. एक तरफ नए सत्र से बस्तर के सरकारी स्कूलों में अच्छी शिक्षा व्यवस्था के दावे किए जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारी बेहतर परिणाम की भी बात कह रहे हैं. लेकिन, सामने आई सच्चाई कुछ और ही बयां कर रही है. आदिवासी इलाका होने के कारण यहां के सरकारी स्कूल पहले से ही संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं.
400 स्कूलों पर एक शिक्षक
बस्तर के 400 से ज्यादा स्कूल एक शिक्षक के सहारे चल रहे हैं. वहीं, 54 से ज्यादा स्कूलों में तो कोई शिक्षक ही नहीं है. एकल शिक्षक स्कूल में 5वीं तक के शिक्षा के लिए एक ही शिक्षक जिम्मेदार है. उस पर भी इन शिक्षकों की ड्यूटी गैर-शिक्षण कार्यों में लगा दी जाती है, जिससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार के दावे खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं. पिछले कई सालों से स्कूली छात्रों के रिजल्ट में कोई भी सुधार होता नजर नहीं आ रहा है. हालांकि, नए शिक्षकों के आने से एकल शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या जरूर कम हो गई है.
अधिकारियों ने स्वीकारी कमी
जिला शिक्षा अधिकारियों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि प्राथमिक विद्यालयों के साथ-साथ माध्यमिक और उच्च विद्यालयों में लंबे समय से नियमित शिक्षकों की कमी है. इस कमी को लेकर अधिकारियों ने कहा कि समय-समय पर अतिथि शिक्षकों के माध्यम से खाली पदों पर भर्ती की जाती है. हालांकि, नियमित नियुक्ति नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में प्राथमिक विद्यालय एकल शिक्षक के सहारे चल रहे हैं.
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी
अधिकारियों ने बताया कि शिक्षकों की कमी का मामला उच्च अधिकारियों के समक्ष उठाया गया है. वर्तमान में कक्षा 1 से 5वीं तक 400 से अधिक स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं. 54 से अधिक स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं. जिला पदाधिकारी का कहना है कि नए शैक्षणिक सत्र में शिक्षक विहीन विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी.
गौरतलब है कि हर साल शिक्षकों की कमी को अतिथि शिक्षकों के जरिए पूरा किया जाता है. काफी समय से बस्तर में प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूलों का रिजल्ट खराब रहा है. अब देखना होगा कि नए शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए क्या व्यवस्था की जाती है.
इनपुट- जगदलपुर से अनूप अवस्थी की रिपोर्ट, ZEE मीडिया