राजस्थान से तीन ओर से घिरा हुआ मध्यप्रदेश का वो जिला जो बना CRPF की जन्मस्थली
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राजस्थान से तीन ओर से घिरा हुआ मध्यप्रदेश का वो जिला जो बना CRPF की जन्मस्थली

Neemach : राजस्थान की सीमा से तीन साइड से घिरा हुआ मध्यप्रदेश के मालवा का शहर नीमच अपने अंदर कई इतिहास समेटे हुआ है. यह शहर अपनी पूर्वोत्तर सीमा राजस्थान से साझा करता है.

राजस्थान से तीन ओर से घिरा हुआ मध्यप्रदेश का वो जिला जो बना CRPF की जन्मस्थली

Neemach : राजस्थान की सीमा से तीन साइड से घिरा हुआ मध्यप्रदेश के मालवा का शहर नीमच अपने अंदर कई इतिहास समेटे हुआ है. यह शहर अपनी पूर्वोत्तर सीमा राजस्थान से साझा करता है. अंग्रेजी शासन के दौरान 1822 में यहां ग्वालियर रियासत की एक बड़ी ब्रिटिश छावनी स्थापित की गई. बाद में 1895 में संयुक्त राजपुताना-मालवा राजनीतिक एजेंसी का हेडक्वाटर भी बना. 

दरअसल एक जमाने में नीमच अजमेर सियासत का महल हुआ करता था. मूल रूप से मालवा का हिस्सा, 1768 में मेवाड़ के राणा द्वारा किए गए लोन के भुगतान के लिए करने के लिए राणा को दिया गया. हालांकि बाद में यह 1794 , 1844 और 1965 में अल्प वक्त को छोड़कर ग्वालियर रियासत का ब्रिटिश छावनी बन गया.

नीमच निम्नलिखित भारतीय सेना रेजिमेंट्स के लिए भी केंद्र था:

बॉम्बे आर्मी – दूसरा बॉम्बे लाइट कैवेलरी
बॉम्बे आर्मी – 3 बॉम्बे लाइट कैवलरी (लांसर्स)
बॉम्बे आर्मी – 23 वाँ बॉम्बे नेटिव लाइट इन्फैंट्री
बंगाल सेना – बंगाल मूल निवासी इन्फैंट्री की 37 वीं रेजिमेंट
बंगाल सेना – बंगाल मूल निवासी इन्फैंट्री की 49 वीं रेजिमेंट
बंगाल सेना – 72 वीं रेजिमेंट ऑफ बंगाल नेटिव इन्फैंट्री
नीमच भारत में अंग्रेजों की 26 वीं और 48 वीं फील्ड आर्टिलरी बैटरी का केंद्र भी था.

बना विद्रोह का गढ़
नीमच जिला प्रशासन के आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक,1857 में, नीमच सबसे पुरानी जगह थी, जहां विद्रोह का विस्तार हुआ था. नीमच में देशी बंगाल के सैनिकों की एक टुकड़ी तैनात की गई, फिर दिल्ली के लिए विद्रोह और मार्च किया गया. यूरोपीय अधिकारियों ने नीमच के किले में शरण ली, और बाद में मंदसौर से एक विद्रोही टुकड़ी ने उन्हें घेर लिया. मालवा क्षेत्र को बल द्वारा राहत मिलने तक यूरोपीय लोगों ने शहर का बचाव किया. 1895 से मालवा में नीमच ब्रिटिश सेंट्रल इंडिया एजेंसी के एक राजनीतिक एजेंट का मुख्यालय रहा है.

आजादी के बाद छावनी को भारत की पैरा मिल्रिटी सेना की छावनी में बदल दिया गया. मौजूदा वक्त में यह सीआरपीएफ यानी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के नाम से जाना जाता है. नीमच को सीआरपीएफ की जन्मस्थली भी कहा जाता है. आज नीमच मध्यप्रदेश का एक हिस्सा है. 

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