नवा रायपुर जंगल सफारी की तर्ज पर रामचुआ-हरमो में 75 करोड़ में एक और जंगल सफारी की तैयारी
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नवा रायपुर जंगल सफारी की तर्ज पर रामचुआ-हरमो में 75 करोड़ में एक और जंगल सफारी की तैयारी

प्रदेश में नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी की तर्ज पर कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो में एक और जंगल सफारी का खाका भूपेश सरकार ने तैयार कर लिया है. यह जंगल सफारी प्राकृतिक वन संपदा को बिना नुकसान पहुंचाए 191 हेक्टेयर क्षेत्र में बनेगी.

नवा रायपुर जंगल सफारी की तर्ज पर रामचुआ-हरमो में 75 करोड़ में एक और जंगल सफारी की तैयारी

रायपुर: प्रदेश में नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी की तर्ज पर कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो में एक और जंगल सफारी का खाका भूपेश सरकार ने तैयार कर लिया है. यह जंगल सफारी प्राकृतिक वन संपदा को बिना नुकसान पहुंचाए 191 हेक्टेयर क्षेत्र में बनेगी. जंगल सफारी में वन्य प्राणियों और आने वाले पर्यटकों के लिए नवीन एवं आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने रामचुआ-हरमो क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना के संबंध में विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर विस्तारपूर्वक जानकारी ली. उन्होंने अधिकारियों को प्राकृतिक वन सम्पदा को नुकसान पहुंचाए बिना जंगल सफारी बनाने का निर्देश दिया. 

वन मंत्री अकबर ने बैठक में बताया कि प्रस्तावित नवीन जंगल सफारी को भोरमदेव मंदिर सहित अन्य पर्यटन स्थलों तथा ऐतिहासिक धरोहरों के साथ जोड़कर एक सर्किट बनाया जाएगा. उन्होंने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी के तर्ज पर एक और जंगल सफारी निर्माण के लिए अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने निर्देशित किया. इस जंगल सफारी में शेर, चीता, सफेद शेर, भालू, हिरण, सांभर, नीलगाय सहित अन्य पशु-पक्षी के लिए अलग-अलग सफारी का निर्माण किया जाएगा. निर्माण कार्य पर लगभग 75 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इस जंगल सफारी निर्माण के लिए 3 साल का लक्ष्य रखा गया है. मंत्री के समक्ष अधिकारियों ने जंगल सफारी निर्माण परियोजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन दिया.

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बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कवर्धा जिले के रामचुआ-हरमो क्षेत्र के 191 हेक्टेयर में जंगल सफारी तैयार करने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है. यह जंगल सफारी पहाड़ के ठीक नीचे स्थित है. यह प्राकृतिक सौंदर्य और भव्यता के साथ-साथ पर्यटकों के लिए काफी मनोरम स्थल होगा. जंगल सफारी निर्माण से किसी को भी कोई परेशानी नहीं होगी. अधिकारियों ने बताया कि सफारी के अंदर कैचमेंट क्षेत्र में चेकडेम का निर्माण किया जाएगा. इसके साथ-साथ प्राकृतिक रूप से बह रहे नाले को भी व्यवस्थित किया जाएगा. जंगल सफारी के मुख्य दरवाजे के समक्ष प्रशासनिक जोन भी तैयार किया जाएगा. जहां टिकट काउंटर के साथ-साथ फूड जोन, प्रसाधन, पार्किंग आदि की व्यवस्था रहेगी. जंगल सफारी क्षेत्र में पहाड़ से कुछ दूर तक पर्यटकों के आने-जाने के लिए सड़क निर्माण किया जाएगा. जिससे पर्यटक आसानी से पूरे जंगल को घूमकर सफारी का लुफ्त उठा सकेंगे.

वन मंत्री ने कहा कि जंगल सफारी का निर्माण प्राकृतिक रूप से मौजूद वन सम्पदा को बिना नुकसान पहुंचाए होना चाहिए. जंगल सफारी निर्माण के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के गाइडलाइन का पालन भी सुनिश्चित हो. जंगल सफारी में कौन-कौन से पशु-पक्षी और वन्य-प्राणी रख सकते हैं, उनके लिए अनुकूल वातावरण क्या होगा, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए. उन्होंने कहा कि पर्यटन एक रूट में ऐसे तरीके से तैयार किया जाए, जिससे पर्यटक एक ओर से अंदर जाए और जंगल सफारी का नजारा देखते हुए दूसरे रास्ते से वापस मुख्य द्वार प्रशासनिक एरिया के रास्ते निकल जाए. पर्यटकों को जंगल सफारी घूमने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका भी ख्याल रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पर्यटकों के लिए पहाड़ी के कुछ दूर एरिया पर व्यू प्वाइंट में तैयार भी किया जाए. जिससे पर्यटक प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा ले सके.

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बैठक में क्रेडा के सदस्य कन्हैया अग्रवाल, किसन साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, पीसीसी वाईल्ड लाईफ नरसिम्हा राव, सीसीएफ दुर्ग शालिनी रैना, कवर्धा डीएफओ दिलराज प्रभाकर, विषय वस्तु विशेषज्ञ जितेन्द्र सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

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