Bhopal: मंजर भोपाली को 34 साल पहले लिखे गीत के लिए मिल रही धमकी, जानें क्या है पूरा मामला
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Bhopal: मंजर भोपाली को 34 साल पहले लिखे गीत के लिए मिल रही धमकी, जानें क्या है पूरा मामला

MP News: लोकसभा चुनाव का चौथा चरण खत्म हो चुका है. चुनाव के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर तेजी से एक गीत वायरल हो रहा है. वायरल हुए इस गीत के बाद शायर मंजर भोपाली को धमकी से भरे कॉल और मैसेज आ रहे हैं.  

Bhopal: मंजर भोपाली को 34 साल पहले लिखे गीत के लिए मिल रही धमकी, जानें क्या है पूरा मामला

Madhya Pradesh News: लोकसभा चुनाव के सियासी रण के बीच मध्य प्रदेश के शायल मंजर भोपाली को धमकियां मिलने का मामला सामने आया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें ये धमकियां 34 साल पहले 1990 में लिखे हुए गीत के लिए मिल रही हैं. सोशल मीडिया पर उनका गीत काफी वायरल हो रहा है. वायरल हो रहे गीत के बोल कुछ इस तरह हैं. 'मुझको अपनी बैंक की किताब दीजिए, देश की तबाही का हिसाब दीजिए...' 

ऐसे शब्दों से भरे इस गित को उन्होने पहली बार साल 1991 में वॉशिंगटन के मंच पर पढ़ा था. इसके बाद काफी समय तक उन्होने न इस गीत को न तो पढ़ा और न ही इसका कहीं जिक्र किया. लेकिन, इतने सालो बाद चुनाव के बीच इस गाने का वीडियों अचानक वायरल हो गया.  सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर लाखों लोगों ने इसे शेयर किया. जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया. 

इस गाने के वजह से काफी हंगामा मच गया. सत्ता पक्ष के लोगों ने इस गाने को अपने खिलाफ महसूस किया है. इसके बाद से ही शायर मंजर भोपाली को फोन, मैसेज, या वयक्तिगत मुलाकात के जरिए उन्हें धमकियां मिलने लगीं. इसके साथ ही इस गाने को सोशल मीडिया से हटाने का दबाव बनाने जाने लगा. इतनी धमकियों और समझाइश के बाद शायर मंजर भोपाली के पास एक ही जवाब है कि न तो उन्होने इस गने को सोशल मीडिया पर शेयर किया है. न ही सत्ता पक्ष के खिलाफ कुछ कहने का उनका इरादा है. 

आज के दौर में अजीब तरह की घुटन: मंजर भोपाली
मंजर भोपाली का कहना है कि करीब 45 साल से वो मंचों से उनका वास्ता रहा है. उन्होंने ऐसे कई दौर आते जाते देखे हैं. ऐसे में कई बदलाव हुए हैं, लेकिन आज के दौर में अजीब तरह की एक घुटन महसूस हो रही है. इसका सबसे ज्यादा असर एक कलाकार को है. 

यह राम का देश: शायर
शायर मंजर भोपाली का कहना है कि यह देश राम का है. यहां कई चिश्ती भी आए. गुरु नानकजी और गौतम बुद्ध ने भी यहां आकर मुहब्बत का पैगाम दिया. अब सियासत की भाषा कुछ बदली हुई सुनाई देती है. उनका कहना है कि जिस तरह हम बचपन में बचकाना बोल सुना करते थे, वैसे ही भाषा अब सियासत से सुनाई देता है. 

'अपने देश पर गर्व है' 
इस घटना के बाद भी मंजर भोपाली कहते हैं कि उन्हें किसी का डर या खौफ नही है. क्योंकि उनकी सुरक्षा करने के लिए देश के 140 करोड़ भाई-बहन हैं. देश ने उन्हे बहुत प्यार और सम्मान दिया है. आगे बताते हुए उन्होने कहा कि वो अब तक 34 बार अमेरीका जा चुके हैं और यह प्यार और सम्मान उन्हे हर जगह मिलता है. उनका कहना है कि बाहर देश में मिलने वाला स्न्नेह से उन्हे अपने देश पर बहुत गर्व है.

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