बोरवेल में 104 घंटे फंसे रहने के बाद बाहर निकले जांजगीर के राहुल साहू की स्थिति को लेकर अपोलो अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. राहुल का इलाज कर. राहुल का इलाज कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुशील कुमार के मुताबिक कल से राहुल की हालत में थोड़ा ठीक है.
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बिलासपुर: बोरवेल में 104 घंटे फंसे रहने के बाद बाहर निकले जांजगीर के राहुल साहू की स्थिति को लेकर अपोलो अस्पताल ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. राहुल का इलाज कर रहे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुशील कुमार के मुताबिक कल से राहुल की हालत में थोड़ा ठीक है. डॉक्टर ने बताया कि कल्चर रिपोर्ट में बैक्टीरिया का पता चला है, जो लीवर और मसल्स पर असर कर रहा है.
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खतरा पूरी तरह नहीं टला
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर के मुताबिक राहुल पहले से बेहतर है लेकिन नॉर्मल नहीं है. ये भी कहा जा सकता है कि खतरा पूरी तरह से टला नहीं है. हालांकि वो पहले से बेहतर है. उसे आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया जा रहा है. अब बुखार भी नहीं आ रहा है.
चट्टानों से न हौसला डिगा न राहुल
बोरवेल में फंसे राहुल को बचाने के लिए रेस्क्यू दल ने हर बार कड़ी चुनौतियों का सामना किया. राहुल के रेस्क्यू में बड़े-बड़े चट्टान बाधा बनकर रोड़ा अटकाते रहे, इस बीच रेस्क्यू टीम को हर बार अपना प्लान बदलने के साथ नई-नई चुनौतियों से जूझना पड़ा. मशीनें बदलनी पड़ी. 65 फीट नीचे गहराई में जाकर होरिजेंटल सुरंग तैयार करने और राहुल तक पहुंचने में सिर्फ चट्टानों की वजह से ही 4 दिन लग गए. रेस्क्यू टीम को भारी गर्मी और उमस के बीच झुककर, लेटकर टार्च की रोशनी में भी काम करना पड़ा. इसके बावजूद अभियान न तो खत्म हुआ और न ही जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे राहुल ने हार मानी.
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खेलते वक्त बोरवेल में गिर गया था राहुल
गौरतलब है कि जांजगीर-चाम्पा जिले के पिहरीद में 11 वर्षीय राहुल साहू बीते 10 जून की दोपहर करीब 2 बजे खेलते वक्त घर के नजदीक ही खुले बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था. इसकी सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर जिला प्रशासन ने तत्काल राहुल के रेस्क्यू के प्रयास शुरू कर दिए थे. बोरवेल में 60 फीट की गहराई में फंसे राहुल के रेस्क्यू के लिए भौगोलिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली गई.