Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है. इस केस के रद्द होने से पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को राहत मिली है.
Trending Photos
Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में ED को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले को रद्द कर दिया है. केस रद्द होने से पूर्व IAS अनिल टुटेजा और उनके बेटे यश समेत 6 आरोपियों को बड़ी राहत मिली है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया फैसला
कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाला मामले में 3 अप्रैल को सुनवाई हुई थी. इसके बाद आज 8 अप्रैल को डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा- प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) और FIR को देखने से पता चलता है कि कोई विधेय अपराध या अवैध गतिविधि नहीं हुई है. इस मामले में जब कोई आपराधिक धनराशि नहीं है, तो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता. कोर्ट ने कहा कि, ED की शिकायत आयकर अधिनियम के अपराध पर आधारित थी.
भूपेश बघेल ने किया ट्वीट
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पूर्व CM भूपेश बघेल ने ट्वीट में लिखा- ED का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हुआ और मोदी सरकार बेनकाब हुई. सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से साबित हो गया है कि ED भाजपा के इशारे पर हर मामले को मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश रच रही है. ऐन विधानसभा चुनाव के समय ED ने शराब घोटाले का मामला दर्ज किया और BJP को चुनावी हथियार दिया. BJP ने पूरे चुनाव में कांग्रेस की सरकार को बदनाम करने की कोशिश की.
ईडी का शर्मनाक राजनीतिक दुरुपयोग साबित हुआ और मोदी सरकार बेनकाब हुई.
सुप्रीम कोर्ट के आज के फ़ैसले से साबित हो गया है कि ईडी भाजपा के इशारे पर हर मामले को मनीलॉण्ड्रिंग का मामला बनाकर विपक्षी दलों को बदनाम करने की साजिश रच रही है.
ऐन विधानसभा चुनाव से समय ईडी ने शराब घोटाले का…— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 8, 2024
आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ हो गया है कि भाजपा सिर्फ झूठ फैला रही थी. BJP की केंद्र सरकार द्वारा लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करके अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने का यह षडयंत्र खुल गया है. जनता देखेगी कि और जो भी मामले कांग्रेस को बदनाम करने के लिए खड़े किए गए हैं वो भी इसी तरह से धराशाई होंगे. यह सही समय है जब ED जैसी जांच एजेंसियों को भी समझना चाहिए कि उनकी प्रतिबद्धता संविधान के प्रति होनी चाहिए, वे किसी राजनीतिक खेल का हिस्सा न बनें.
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामला
ED के मुताबिक साल 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में करीब 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ है. आरोप है कि राज्य में शराब की खरीद और बिक्री के लिए राज्य निकाय से शराब खरीदने के दौरान काले धन की कमाई हुई है. इस मामले में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत अधिकारियों का सर्मथन होने की बात भी सामने आई है.
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध प्राचीन देवी मंदिर, नवरात्रि पर उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़
बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ACB-EOW की लगातार जांच जारी है. इस मामले में आरोपी कारोबारी अरविंद सिंह और कारोबारी अनवर ढेबर से पूछताछ जारी है. इस मामले में अनवर ढेबर को सिंडिकेट का किंगपिन बताया गया था. बता दें कि अनवर रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर का भाई है.