CHRISTMAS 2020: एशिया के सबसे बड़े चर्च में क्रिसमस पर श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे प्रार्थना, ये है वजह
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CHRISTMAS 2020: एशिया के सबसे बड़े चर्च में क्रिसमस पर श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे प्रार्थना, ये है वजह

क्रिसमस के दिन यानी आज 24 दिसम्बर की आधी रात को चर्च में होने वाली विशेष प्रार्थना पर इस बार प्रतिबंध लगा दिया गया है.

CHRISTMAS 2020: एशिया के सबसे बड़े चर्च में क्रिसमस पर श्रद्धालु नहीं कर सकेंगे प्रार्थना, ये है वजह

जशपुर: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनी सरकारी गाइडलाइन की वजह से क्रिसमस भी अछुता नहीं रहा. छत्तीसगढ़ के कुनकुरी में स्थित एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च इस बार श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह बंद रहेगा. महागिरजाघर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी वहां सिर्फ पादरी ही क्रिसमस की प्रार्थना करेंगे, इस महागिरजाघर में हर साल हजारों श्रद्धालु प्रार्थना के आते थे लेकिन इस बार कोरोना ने श्रद्धालुओं के प्रार्थना पर ब्रेक लगा दी है.

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रात की प्रार्थना पर प्रतिबंध
क्रिसमस के दिन यानी आज 24 दिसम्बर की आधी रात को चर्च में होने वाली विशेष प्रार्थना पर इस बार प्रतिबंध लगा दिया गया है. जशपुर जिले के कुनकुरी स्थित महागिरजाघर में क्रिसमस के दिन मेले की तरह भीड़ होती है, लेकिन इस बार कोरोना के कारण इस भीड़ पर चर्च के फादर ने पाबन्दी लगा दी है.

पुरोहित वर्ग ही मौजूद रहेगा
इस बार क्रिसमस की विशेष प्रार्थना सभा के लिए चर्च में केवल पादरी मौजूद रहेंगे. चर्च में क्रिसमस के लिए कोई विशेष साज-सज्जा भी नहीं हुई है. हालांकि ईसा मसीह के जन्म की झांकी दिखाने वाली चरनी जरूर बनाई गई है.

10 हजार लोग बैठ सकते है
आपको बता दें की 10 हजार से अधिक लोगों की एक साथ बैठक क्षमता वाले इस चर्च में क्रिसमस पर इससे कहीं अधिक लोगों की भीड़ जुटती रही है. क्रिसमस के दौरान यहां आयोजित समारोह में हर साल देश-विदेश से चार से पांच लाख लोग पहुंचते है.

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1962 में रखी गई थी नींव
कुनकुरी चर्च की नींव 1962 मे रखी गई थी. उस समय कुनकुरी धर्मप्रांत के बिशप स्टानिसलास लकड़ा थे. इस विशालकाय भवन को एक ही बीम के सहारे खड़ा करने के लिए नींव को विशेष रूप से डिजाइन किया गया. सिर्फ इस काम में दो साल लग गए. नींव तैयार होने के बाद भवन का निर्माण 13 सालों में पूर्ण हुआ था.

सात अंक का विशेष महत्व
महागिरजाघर में सात अंक का विशेष महत्व है. यहां सात छत और सात दरवाजे है. यह जीवन के सात संस्कारों का प्रतीक माना जाता है.

अलग से व्यवस्था की
महागिरिजाघर के प्रवक्ता प्रफुल्ल बड़ा ने बताया की इस बार क्रिसमस की तैयारियों में कोरोना से बचने के सारे मापदंडों के हिसाब से तैयारी की गई है. चर्च में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए प्रार्थना की जाएगी. लोगों के लिए लोयला स्कूल, होलीक्रॉस अस्पताल और संत अन्ना प्रॉविन्सलेट में प्रार्थना सभाओं की व्यवस्था की गई है.

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सरकार ने तय की गाइडलाइन
कार्यक्रम का आयोजन खुले एवं सार्वजनिक स्थान पर नहीं किया जाएगा.
कार्यक्रम स्थल की क्षमता का 50% अथवा अधिकतम 200 व्यक्ति सम्मिलित हो सकेंगे.
कार्यक्रम रात 12:30 बजे तक समाप्त किया जाएगा.
बिना अनुमति कार्यक्रम का नहीं होगा आयोजन.
छोटे एवं बुजुर्ग व्यक्तियों को कार्यक्रम में शामिल नहीं किया जाएगा.
कार्यक्रम आयोजन के दौरान सीसीटीवी कैमरा और वीडियोग्राफी करना होगा अनिवार्य.
कार्यक्रम स्थल पर पान गुटखा तंबाकू खाकर थूकना होगा वर्जित.

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