सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान राम छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसे हैं. माता कौशल्या की जन्मभूमि छत्तीसगढ़ के चंद्रखुरी में शीघ्र भव्य मंदिर का निर्माण होगा.
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रजनी ठाकुर/रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बुधवार सुबह सपरिवार राजधानी रायपुर स्थित चंद्रखुरी मंदिर पहुंचे और पूजा-पाठ कर माता कौशल्या के दर्शन किए. मुख्यमंत्री ने सपरिवार कौशल्या माता मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की. इस मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि भगवान राम छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसे हैं. माता कौशल्या की जन्मभूमि छत्तीसगढ़ के चंद्रखुरी में शीघ्र भव्य मंदिर का निर्माण होगा.
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छत्तीसगढ़ सरकार ने 'राम वन गमन पथ' में प्रस्तावित 09 स्थलों के विकास के लिए 137.45 करोड़ रुपए का प्लान बनाया है. इसके अंतर्गत चंद्रखुरी मंदिर के सामने बायपास सड़क निर्माण की स्वीकृति भी मिल चुकी है. साथ ही चंद्रखुरी में राष्ट्रीयकृत बैंक की शाखा भी खुलेगी. पर्यटकों की सुविधा के लिए 'राम वन गमन पथ' पर विद्युतीकरण किया जाएगा. साथ ही पथ पर जगह-जगह पेयजल शौचालय, रेस्टोरेंट, पहुंच मार्ग आदि की व्यवस्थाएं भी विकसित की जाएंगी.
प्रभु श्री राम जी के ननिहाल ग्राम चंद्रखुरी में माता कौशल्या का बहुत ही प्राचीन मंदिर है। अनेक बार यहाँ आने का अवसर मिला है, मेरे लिए बड़ी प्रसन्नता की बात है कि इसके सौन्दर्यीकरण और विस्तार के लिए हम लोगों ने भूमिपूजन किया था। अगस्त के तीसरे सप्ताह में इसका निर्माण शुरू होगा। pic.twitter.com/7CNEB4xI4p
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 29, 2020
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ग्रामीणजनों में इसे लेकर बहुत उत्साह है। श्रद्धालुओं की सुविधा के हिसाब से यहाँ हर विकास कार्य प्रारम्भ किए जाएँगे। श्री राम वनगमन पथ निर्माण की तैयारी भी लगातार चल रही है, हम लोग जल्द उसे भी प्रारम्भ करेंगे।
आज मैं सपरिवार माता कौशल्या के दर्शन हेतु चंद्रखुरी पहुँचा।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) July 29, 2020
आपको बता दें कि अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम के चरण जिन जिन स्थानों पर पड़े थे उन स्थानों को 'राम वन गमन पथ' के तौर पर विकसित किया जा रहा है. 'राम वन गमन पथ' का अधिकतर हिस्सा मध्य प्रदेश में पड़ता है, वहीं 32 किलोमीटर की लंबाई का हिस्सा छत्तीसगढ़ में पड़ता है. चंद्रपुर से मिरौनी, बनाहिल से पकरिया, तिलई से तरौद, शिवरीनारायण से खरौद, तरौद से बनाहिल, पकरिया से पामगढ़ तक 'राम वन गमन पथ' का विस्तार है. मध्य प्रदेश में पड़ने वाले हिस्से को वहां की सरकार और छत्तीसगढ़ में पड़ने वाले हिस्से को वहां की सरकार विकसित करेगी.
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