पेट्रोल-डीजल के दाम घटे लेकिन कांग्रेस बोली, "ये राहत नहीं... विधानसभा चुनावों की आहट है"
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पेट्रोल-डीजल के दाम घटे लेकिन कांग्रेस बोली, "ये राहत नहीं... विधानसभा चुनावों की आहट है"

केंद्र की घोषणा के बाद कुछ राज्यों ने भी अपने यहां तेल पर ढाई रुपये वैट कम करने का फैसला किया.

कांग्रेस नेताओं को उम्मीद जल्द हो सकती है विधानसभा चुनावों की घोषणा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: लगातार आसमान छू रहे पेट्रोल-डीजल के दामों पर गुरुवार को केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी कम करके राहत दी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खुद ऐलान किया कि सरकार 1.5 रुपए तक एक्साइज ड्यूटी कम करेगी. वहीं, तेल कंपनियां भी प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल पर 1 रुपए कम करेंगे. इससे ग्राहकों को एक लीटर पर ढाई रुपए तक का फायदा होगा. इसके अलावा राज्यों के मुख्यमंत्रियों से 2.5 रुपए तक वैट घटाने का भी अनुरोध करेंगे.

  1. राजस्थान कांग्रेस की उपाध्यक्ष बोलीं- जनता को भ्रमित करने की कवायद
  2. MP कांग्रेस के प्रवक्ता बोले- ऊंट के मुंह में जीरे के समान है ये राहत
  3. CG कांग्रेस के प्रवक्ता बोले- सिर्फ चुनावी फायदे के लिए ये छूट दी गयी

कांग्रेस को राहत में दिख रही है चुनावों की आहट
केंद्र की घोषणा के बाद कुछ राज्यों ने भी अपने यहां तेल पर ढाई रुपये वैट कम करने का फैसला किया. राज्य सरकारों के इस फैसले से लोगों को पेट्रोल-डीजल पर 5 रुपये लीटर तक की राहत मिली है. लेकिन क्या यह ऐलान सिर्फ और सिर्फ जनता को राहत देने के मकसद से किया गया है? जिन राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं वहां की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस को ऐसा नहीं लगता.

कांग्रेस नेताओं को उम्मीद जल्द हो सकती है विधानसभा चुनावों की घोषणा
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रवक्ताओं ने एक सुर में कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों से जुड़ा यह ऐलान सिर्फ और सिर्फ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में फायदे को ध्यान में रखकर किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी उम्मीद जताई कि अब जल्द ही चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा चुनावों की घोषणा भी की जा सकती है.

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राजस्थान कांग्रेस की उपाध्यक्ष बोलीं- जनता को भ्रमित करने की कवायद
राजस्थान कांग्रेस की उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने जी मीडिया से हुई बातचीत के दौरान कहा, "जनता की जेब पर डाका डालकर 13 लाख करोड़ रुपये जमा करने वाली मोदी सरकार अब चुनावी वर्ष में जनता को नाम मात्र का राहत देने का प्रयास किया जा रहा है ये बिल्कुल वैसा है जैसे बहुत बड़े घाव पर बैंडेड लगाने का काम किया जा रहा हो. यह सिर्फ और सिर्फ जनता को भ्रमित करने की कवायद है क्योंकि वे जानते हैं कि जनता के बीच इसके प्रति गहरा आक्रोश है और मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों से जनता त्रस्त हो चुकी है. यह राहत सीधे तौर पर चुनावों में फायदे को ध्यान में रखते हुए जारी की गई है. स्पष्ट है कि यह राहत नहीं बल्कि राज्य में विधानसभा चुनावों की आहट है."

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MP कांग्रेस के प्रवक्ता बोले- ऊंट के मुंह में जीरे के समान है ये राहत
मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने जी मीडिया से हुई टेलीफोनिक वार्ता में साफ कहा, "यह निश्चित रूप से विधानसभा चुनावों की आहट तो है ही साथ ही साथ यह राहत ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. सरकार अगर राहत देना चाह रही है तो उसे पेट्रोलियम पदार्थ उस दाम पर बेचने चाहिए जिस दाम पर वह दूसरे देशों को बेच रही है. केन्द्र की मोदी सरकार जनता की आंख में जो धूल झोंक रही है शिवराज सरकार भी उसी को फॉलो कर रही है.

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CG कांग्रेस के प्रवक्ता बोले- सिर्फ चुनावी फायदे के लिए ये छूट दी गयी
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रवक्ता आर. पी. सिंह ने जी मीडिया से हुई बातचीत के दौरान कहा, "बुधवार को हुई रमन कैबिनेट में ये फैसला लिया गया था कि पेट्रोलियम पदार्थों पर वैट कम नहीं होगा. 24 घंटे के भीतर ही सिर्फ चुनावी फायदे के लिए सरकार ने अपना निर्णय बदल दिया. मंत्रालय से जारी अधिसूचना में साफ लिखा है कि ये छूट 31 मार्च 2019 तक ही है. मतलब सिर्फ चुनावी फायदे के लिए ये छूट दी गयी है. यह बात ही इशारा करती है कि यह राहत नहीं बल्कि विधानसभा चुनावों की आहट है."

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