कांग्रेस विधायक ने कहा कि मेरे पिता साधारण व्यक्ति थे इसलिए मुझे मंत्री नहीं बनाया गया. यह मेरा नहीं क्षेत्र की जनता का अपमान है.
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भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस का मंत्रिमंडल बनने के बाद खींचतान तेज हो गई है. कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह 'दत्तीगांव' ने उन्हें मंत्री न बनाए जाने को क्षेत्र की जनता का अपमान बताया और विधायक पद से इस्तीफा देने की चेतावनी भी दे डाली. कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह गुरुवार शाम अपने विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. इसके बाद बड़ी संख्या में वहां के पंचायत प्रतिनिधियों ने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर डाली.
विधायक ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा, "पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह, पूर्व उप मुख्यमंत्री जमुना देवी के रिश्तेदार उमंग सिंघार, सुभाष यादव के बेटे सचिन यादव को मंत्री बना दिया गया. मेरे पिता साधारण व्यक्ति थे इसलिए मुझे मंत्री नहीं बनाया गया. यह मेरा नहीं क्षेत्र की जनता का अपमान है."
संबोधन के दौरान राजवर्धन भावुक हो गए और कहा कि उनके खून में दोगलापन नहीं है. पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टिकट दिलाया था, वह इस्तीफा भी सिंधिया को सौंपेंगे.
इस नेता ने दिया इस्तीफा
मध्य प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी के बाद क्षेत्रीय नेताओं को मंत्री न बनाए जाने से बगावत के सुर उठने लगे हैं. पार्टी की मुरैना जिले की विकासखंड इकाई के अध्यक्ष ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और लोकसभा चुनाव में गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है. राज्य में कमलनाथ मंत्रिमंडल के 28 मंत्रियों ने शपथ ले ली है, मगर मंत्री बनने का सपना संजोए कई नेता मंत्री नहीं बन पाए. उनके समर्थकों ने अब पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. मुरैना के सुमावली से चुनाव जीते पूर्व मंत्री ऐदल सिंह कंसाना के समर्थक मंत्रियों के शपथ लेने के बाद से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल
मुरैना जिले की बागचीनी विकासखंड इकाई के अध्यक्ष मदन शर्मा ने गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को अपना इस्तीफा लिख भेजा है. पत्र में उन्होंने लिखा, ''मंत्रिमंडल विस्तार में क्षेत्रीय संतुलन में भारी कमी के कारण पार्टी में मुरैना श्योपुर संसदीय क्षेत्र के कार्यकर्ताओं में भारी रोष है जिसके कारण लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है. मुरैना संसदीय क्षेत्र की 8 विधानसभा क्षेत्रों में से 7 सीटों पर कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत हासिल की. इन विधायकों में एदल सिंह कंसाना चार बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. इसके बावजूद उन्हें मंत्री मंडल में स्थान नहीं मिला. इस कारण सर्व समाज में रोष व्याप्त है. इस वजह से मैं अपने पद से त्याग पत्र देता हूं.''