ये परंपरा सागर में करीब 400 साल पुरानी बताई जाती है. जब किसान अपने खेतों में जानवरों को इकट्ठा करकर छोड़ देते हैं.
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अतुल अग्रवाल/सागर: देशभर में कई जगह छुट्टा जानवरों द्वारा फसल बर्बाद करने से किसान परेशान हैं. हालांकि, अपनी खास परंपराओं के लिए जाना जाने वाले बुंदेलखंड में एक ऐसी परंपरा अपनाई जाती है, जहां जानवरों द्वारा फसल को खाना शुभ माना जाता है.
गायों को दिया जाता है गौ भोज
अभी तक आपने कई तरह के भोज के बारे में सुना होगा लेकिन, गायों के लिए दिए गए भोज के बारे में आपने शायद ही कभी सुना हो. दरअसल, बुंदेलखंड क्षेत्र में पड़ने वाले सागर जिले के राहतगढ़ तहसील के रजौली गांव में अमावस्या के दिन गौ भोज का आयोजन किया जाता है.
सैकड़ों जानवरों को खेतों में छोड़ दिया जाता है
इस भोज में मवेशियों को इकट्ठा कर हरे भरे खेतों में छोड़ दिया जाता है. मान्यता है कि इससे फसलों को लाभ मिलता है. जानवर खेत में चरते हैं, भागते दौड़ते हैं लेकिन किसानों के चेहरे पर शिकन की जगह खुशी दिखाई देती है.
सैकड़ों साल पुरानी है परंपरा
ये परंपरा सागर में करीब 400 साल पुरानी बताई जाती है. जब किसान अपने खेतों में जानवरों को इकट्ठा करकर छोड़ देते हैं. इस बार गौ भोज कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के राजस्व और परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत भी मौजूद रहे. उन्होंने ग्रामीणों के इस आयोजन की सराहना की. उन्होंने कहा कि गौ वंश के प्रति श्रद्धा कैसे रखी जाती है, ये रजौली वासियों से सीखी जा सकती है.
(संपादन - लोकेंद्र त्यागी)