15 थानेदारों के ट्रांसफर और फर्जी लाइसेंस, कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित के मामले में हुए ये खुलासे
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15 थानेदारों के ट्रांसफर और फर्जी लाइसेंस, कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित के मामले में हुए ये खुलासे

MP NEWS: ग्वालियर के कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित पर 15 से ज्यादा थानेदारों के ट्रांसफर और फर्जी हथियार लाइसेंस जारी करने का आरोप है. पुलिस ने उनकी जांच के लिए मोबाइल और लैपटॉप फॉरेंसिक लैब में भेजे हैं, जिनकी रिपोर्ट के बाद और खुलासे हो सकते हैं.

Gwalior News

Gwalior News: मध्यप्रदेश के ग्वालियर से एक कथावाचक के मामले में कई खुलासे हुए हैं, जिसे सुन आप भी दंग रह जाएंगे. कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित पर धोखाधड़ी से 15 से ज्यादा टीआई के तबादले कराने के आरोप सामने आए हैं. यह कथावाचक खुद को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का निजी सहायक बताता था.  पुष्पेंद्र दीक्षित ने फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. हाल ही में पुष्पेंद्र दीक्षित की चार दिन की पुलिस रिमांड पूरी हुई है, जिसमें पुलिस ने कई राज उगलवाए हैं. आरोपी कथावाचक के मोबाइल और लैपटॉप भी पुलिस ने जांच के लिए भेज दिए हैं. आगे के नए खुलासों में उन्हें वापस रिमांड के लिए कोर्ट का रुख करना पड़ सकता है.

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पुलिस का आरोप है कि पुष्पेंद्र दीक्षित ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का निजी सहायक बनकर बड़ी धोखाधड़ी की है. उन्होंने डीजीपी पर दबाव डालकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के दो थाना प्रभारी के ट्रांसफर कराए. चार दिन की पुलिस रिमांड में पुष्पेंद्र दीक्षित ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उसने ग्वालियर-चंबल अंचल के लगभग 15 थानेदारों के ट्रांसफर कराए. इसके साथ ही उन्होंने कलेक्टरों के सामने नकली दस्तावेज पेश किए. इन दस्तावेजों के आधार पर कलेक्टरों को लोगों के हथियार लाइसेंस जारी करने के लिए मजबूर किया. पुलिस ने पुष्पेंद्र दीक्षित के मोबाइल और लैपटॉप को फॉरेंसिक लैब में भेज दिए हैं. लैब रिपोर्ट के आने के बाद और भी बड़े खुलासे हो सकते हैं. आईजी ने बताया कि अगर जरूरत पड़ी, तो न्यायालय से पुष्पेंद्र दीक्षित की रिमांड फिर से मांगी जा सकती है. फिलहाल, पुलिस फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.

अधिकारियों पर दबाव की कोशिश
कथावाचक पुष्पेंद्र दीक्षित ने कई केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ फोटो खिंचवाई थी. वह इन फोटोग्राफ्स को सोशल मीडिया पर पोस्ट करता था ताकि लोग उसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली मानें. इसके जरिए पुष्पेंद्र दीक्षित ने कई अधिकारियों पर दबाव डालने की कोशिश की. उसने अधिकारियों से ट्रांसफर के साथ ही अपने फायदे के लिए अन्य काम करवाए. माना जा रहा है कि उन्होंने इन सब के बदले में बड़ी रकम भी ली है. अब देखना होगा कि पुलिस की जांच के दौरान क्या-क्या नए राज सामने आते हैं? इस जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ सकती हैं.

रिपोर्ट: करतार सिंह राजपूत (ग्वालियर)

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