जशपुरः छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगीचा जनपद पंचायत का बगडोल गांव इन दिनों हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बार इस गांव के चर्चा में आने का कारण है एक शादी. जी हां, जशपुर जिले के बगीचा जनपद पंचायत में एक युवक ने अनोखी शादी की है. जहां दूल्हा और मंडप तो एक ही था, लेकिन दुल्हन दो. दरअसल, सीआरपीएफ के एक जवान अनिल पैकरा ने लगभग 4 साल पहले अपनी पहली पत्नी को बिना देखे उसके मांग में सिंदूर भरकर सामाजिक रीति रिवाज से शादी की. इसके बाद दुल्हन बगडोल गांव में ही अपने पति अनिल के साथ रहने लगी, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी अनिल की पहली पत्नी के बच्चे नहीं हैं. ऐसे में अनिल के परिवार में कोई उनका वारिस नहीं है. इसे देखते हुए पारिवारिक रजामंदी से अनिल ने दूसरी शादी की.


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सीआरपीएफ के जवान अनिल को गांव की एक अन्य युवती सीमा से प्रेम था जिससे शादी की बात तय की गई. अनिल ने अपने प्रेम सम्बंध के बारे में अपनी पत्नी व परिवार से बात की नतीजतन उसकी पत्नी प्रेमिका सीमा के साथ अनिल की शादी के लिए तैयार हो गई. तीनों परिवारों के बीच बैठकों का दौर चला और यह तय किया गया कि अनिल की फिर से शादी की जाएगी और इस बार दुल्हन एक नहीं बल्कि दो होंगी.



 


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पारिवारिक रजामंदी के बाद सामाजिक रीति रिवाज के साथ एक ही मंडप में अनिल ने दोनों से शादी की. पहली पत्नी और उसकी प्रेमिका दोनों को दुल्हन बनाकर बैठाया गया और अनिल ने अग्नि को साक्षी मानकर दोनों को जीवनसाथी के रूप में स्वीकार किया. इस अनोखी शादी को लेकर आम लोगों में चर्चा का माहौल बना हुआ है.


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वैसे भारतीय कानून के अनुसार कोई भी शादीशुदा हिन्दू लड़का पहली पत्नी को बिना तलाक दिए दूसरी शादी नहीं कर सकता. ऐसे में एक साथ दो दुल्हनों से शादी करने के बारे में जैसे ही लोगों को पता चल रहा है, वह काफी हैरान हैं. बता दें दो दुल्हनों के साथ शादी करने वाला अनिल पैकरा सीआरपीएफ का जवान है और फिलहाल उसकी पोस्टिंग बनारस इलाके में है. छुट्टियों में वह अपने घर बगडोल आया हुआ है. पारिवारिक वंश बढ़ाने के लिए उसने 18 मई को दूसरी शादी की है. हांलाकि एक मंडप में एक दूल्हे से दो दुल्हन की इस शादी की चर्चा खूब हो रही है. कोई इसे अमर प्रेम की संज्ञा दे रहे हैं तो कोई इसे विधि विरुद्ध बता रहे हैं.