इंदौर में नकली दवा बनाने का भंडाफोड़, पुलिस ने 27 बोरियां नकली दवा जब्त कीं
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इंदौर में नकली दवा बनाने का भंडाफोड़, पुलिस ने 27 बोरियां नकली दवा जब्त कीं

इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने शहर में मिलावटी दवाई बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा. 

नकली दवा बनाने वाली फैक्टी का भंडाफोड़
इंदौर: मध्य प्रदेश की औद्योगिक नगरी इंदौर में नकली दवा बनाने वाली फैक्टी का भंडाफोड़ हुआ  है. इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने शहर में मिलावटी दवाई बनाने वाली फैक्ट्री पर छापा मारा. यहां कार्रवाई के दौरान दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. मामले में क्राइम ब्रांच, आयुष विभाग, ड्रग्स डिपार्टमेंट ने संयुक्त रूप से कार्रवाई को अंजाम दिया. यहां से पुलिस ने हजारों टैबलेट्स बरामद कीं. साथ ही दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया है. 
 
दरअसल, क्राइम ब्रांच पुलिस को सूचना मिली थी, कि इंदौर के शिक्षक नगर में एक व्यक्ति मिलावटी दवाई बनाने का काम कर रहा है. उसी के आधार पर पुलिस ने एरोड्रम पुलिस के साथ ड्रग इंस्पेक्टर और आयुष विभाग के अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचकर दबिश दी. जहां फैक्ट्री संचालक नरेंद्र जैन और संतोष पाटिल को मौके से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह सोनामिंट नाम की दवाई का निर्माण करते हैं. जिसमें सोडियम-बाय-कार्बोनेट का इस्तेमाल किया जाता है. यह रसायन दवाई के तौर पर लेने लायक नहीं होता. कारखाने से कुल 27 बोरियां मिली, जो मेडिकल में इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए. 
 
नरेंद्र जैन पिछले 18 साल से दवाई बनाने का काम रहा है. 2009 में उसने अपने भतीजे राजू बंबोरिया के फॉर्मकेम के नाम से लाइसेंस लिया था. इसी के आधार पर वह दवाई बेचने का काम करता था. बड़ी संख्या में आरोपी इन दवाइयों को शहर के दवा बाजार में खपाने का काम कर रहा था. पुलिस इस मामले में दवाई बाजार के व्यापारियों की भी संलिप्तता की जांच करने की बात कह रही है. पुलिस ने जिला प्रशासन को इस पूरे मामले में सूचना दे दी है. ताकि इस तरह लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही कंपनियों पर कार्रवाई की जा सके.

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