PMT फर्जीवाड़ा: गिरफ्तारी के डर से पेशी पर नहीं पहुंची महिला डॉक्टर, जारी हो सकता वारंट
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PMT फर्जीवाड़ा: गिरफ्तारी के डर से पेशी पर नहीं पहुंची महिला डॉक्टर, जारी हो सकता वारंट

स्पेशल कोर्ट ने नोटिस जारी कर आज सबसे कम उम्र वाले 5 आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे. जो महिला डॉक्टर आज पेशी के लिए नहीं पहुंची है उसके खिलाफ वॉरंट जारी हो सकता है. अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी, जिसमें 5 अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश होना होगा.

PMT फर्जीवाड़ा: गिरफ्तारी के डर से पेशी पर नहीं पहुंची महिला डॉक्टर, जारी हो सकता वारंट

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के पीएमटी 2011 फर्जीवाड़े (PMT Scam) मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में आज सुनवाई के लिए 5 आरोपियों की पेशी होनी थी. मामले में High Court से अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार होने के बाद 4 महिला डॉक्टर स्पेशल कोर्ट में पेश हुईं. एक महिला डॉक्टर को हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत नहीं मिली, लिहाजा गिरफ्तारी के डर से वह स्पेशल कोर्ट में पेशी के लिए नहीं पहुंची.

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आपको बता दें कि स्पेशल कोर्ट ने नोटिस जारी कर आज सबसे कम उम्र वाले 5 आरोपियों को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए थे. जो महिला डॉक्टर आज पेशी के लिए नहीं पहुंची है उसके खिलाफ वॉरंट जारी हो सकता है. अगली सुनवाई 1 फरवरी को होगी, जिसमें 5 अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश होना होगा.

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आपको बता दें कि इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (Central Investigation Agency) ने कुल 57 लोगों को आरोपी बनाया है. इन सभी पर सरकारी कोटे की करीब 47 मेडिकल सीटें बेचने का आरोप है. इस घोटाले के सभी आरोपी भोपाल के चिरायु मेडिकल कॉलेज सहित डीएमई ऑफिस एवं अन्य सरकारी कार्यालयों से संबंधित हैं. हाई कोर्ट के निर्देश के बाद पीएमटी फर्जीवाड़ा मामले में सभी आरोपियों की पेशी उम्र के हिसाब से तय की गई है.  इनमें उम्रदराज लोगों की पेशी सबसे आखरी में होगी.

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ये है पूरा मामला
चिरायु मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर साल 2011 की पीएमटी परीक्षा में करीब 47 सीटों पर फर्जीवाड़े का आरोप है. ग्वालियर के झांसी रोड थाने में शिकायत की गई थी कि चिरायु मेडिकल कॉलेज के संचालक डॉ. अजय गोयनका ने अपने ही कॉलेज में MBBS की पढ़ाई कर रहे छात्रों से दोबारा PMT की परीक्षा दिलवाई. परीक्षा पास करने के बाद उन स्टूडेंट्स की काउंसलिंग के जरिए सीट बुक करा दीं, लेकिन बाद में एडमिशन कैंसिल करवा दिया, जिससे सीटें खाली रह गईं और बाद में इन सीटों को मोटे पैसे लेकर बेच दिया गया.

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