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बैतूल/इरशाद हिंदुस्तानी: मध्य प्रदेश में सार्वजनिक स्थलों पर थूकना प्रतिबंधित है. सरकार ने इसके लिए जुर्माने का प्रावधान भी किया है, लेकिन बहुत कम लोग इस नियम का पालन करते हैं. आज हम आपको ऐसी जगह के बारे में बता रहे हैं, जहां थूकना किसी सजा से कम नहीं है. अगर आप वहां थूकते पकड़े गए तो आपको जुर्माना भरना पड़ेगा और सजा के तौर पर सफाई भी करनी पड़ेगी.
हम बात कर रहे हैं बैतूल के घोड़ाडोंगरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की. यहां की तस्वीर आजकल बदली-बदली नजर आ रही है. जहां कभी दीवारों के कोने, गमले और गलियां गुटखे की पीक से रंगी रहती थीं वो आज साफ सुथरी नजर आ रही हैं. इसकी वजह है कि अस्पताल प्रबंधन ने यहां तम्बाकू, पान जैसी नशीली चीजों के सेवन पर प्रतिबंध लगा दिया है. अस्पताल के स्टाफ, मरीज और उनके परिजनों को इस नियम का कड़ाई से पालन करना होता है. इस नियम का पालन नहीं करने वालों से जुर्माना वसूला जाता है और गंदगी फैलाने की सजा के तौर पर सफाई करवाई जाती है.
अब तक हुआ जुर्माना ,सेवा
अस्पताल प्रबंधन की सख्ती के बाद यहां अब तक पकड़े गए एक दर्जन के अधिक लोगों को गंदगी फैलाने के आरोप में जुर्माने की रकम भरनी पड़ी है. यही नहीं कुछ लोगों को अपने हाथों से सफाई तक करनी पड़ी है. बता दें कि जुर्माने की रकम 500 रुपए वसूली जाती है.
अस्पताल प्रबंधन का पूरा स्टाफ
यह है नियम
जुर्माना नहीं देने पर क्या होता है
जो भी लोग इस नियम का उल्लंघन करते पाये जाते हैं, उनसे अस्पताल प्रबंधन नियम के मुताबिक ही जुर्माना वसूल रहा है, जिनके पास जुर्माने की रकम नहीं होती उनसे कारसेवा के तौर पर परिसर में सफाई करवाई जाती है.
अस्पताल परिसर में रखे गमले साफ सुथरे नजर आ रहे हैं
क्यों बनाया गया यह नियम
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीएमओ डॉ संजीव शर्मा के मुताबिक साफ-सफाई के बावजूद लोग परिसर को गंदा कर देते थे. जिसके बाद यह कदम उठाया गया है. हमारा उद्देश्य जुर्माना वसूल करना नहीं, बल्कि लोगो को गंदगी फैलाने के प्रति हतोत्साहित करना है. यही वजह है कि कई बार तय जुर्माने से कम रकम की भी रसीद काटी जाती है. रकम न होने पर कार सेवा करवाई जाती है. इसका असर यह हुआ कि अब परिसर में गंदगी फैलाना कम हो गया है.
सख्त होती है मॉनिटरिंग
बीएमओ डॉ संजीव शर्मा की इस पहल के बाद परिसर में गंदगी फैलाने वालों पर कड़ी निगाह रखी जाती है. इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाने की योजना है. इसके अलावा स्टाफ को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे माह में कम से कम ऐसे व्यक्ति को पकड़ें जो नियम का उल्लंघन कर रहा है.
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