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शैलेन्द्र सिंह भदौरिया/ग्वालियर: ग्वालियर जिले में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग भले ही टीकाकरण की रफ्तार को लेकर खुश नजर आ रहा है, लेकिन यह अपने ही 6000 फ्रंटलाइन वॉरियर और स्वास्थकर्मियों का टीकाकरण कराने में नाकाम रहा है. जिले में ऐसे फ्रंटलाइन वर्कर हैं जिनको वैक्सीन का पहला डोज भी नहीं लग सका है.
नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग सहित जिला प्रशासन के कई कर्मचारी शामिल हैं. इसके साथ ही 21000 से अधिक ऐसे स्वास्थ्य और फ्रंट लाइन वर्कर ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन का पहला डोज लिया है, लेकिन दूसरा डोज लगवाने के लिए सेंटर तक नहीं पहुंच रहे हैं. इससे साफ जाहिर होता है कि लोगों के साथ-साथ इन फ्रंट लाइन वर्कर्स को भी टीकाकरण के लिए प्रेरित करना स्वास्थ विभाग नाकाम साबित हुआ है.
6 हजार से ज्यादा कर्मचारी नहीं लगवा पाए वैक्सीन
कोरोना संक्रमण से दूसरों की सुरक्षा करने वाले 6000 फ्रंटलाइन वर्कर 5 महीने में टीकाकरण सेंटर तक नहीं पहुंच पाए हैं. गौरतलब जिले में लगभग 27 हजार स्वास्थ्य एवं अन्य विभागों के फ्रंटलाइन वर्कर हैं जो इस कोरोना संक्रमण काल में सबसे अधिक संक्रमण की चपेट में रहते हैं. इसमें नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के कर्मचारी शामिल हैं, इसके बावजूद भी जिला प्रशासन और शासन के अधिकारियों ने इन फ्रंट लाइन वर्करों को प्रेरित करने के लिए अभी कोई प्लानिंग नहीं की है. कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की बात कही जा रही है. ऐसे में इन फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन ना लगना जिला प्रशासन और स्वास्थ्य की नाकामी है.
क्या कहना स्वास्थ्य विभाग का?
इसको लेकर एवं जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा का कहना है कि इन सभी फ्रंटलाइन वर्करों को आदेश जारी किया जा रहा है कि वह तत्काल वैक्सीन लगवाएं. इसके साथ ही जिन लोगों को वैक्सीन को लेकर भ्रम है उनको वैक्सीन लगवाने के लिए बुलाकर प्रेरित किया जाएगा. ताकि इन सभी फ्रंटलाइन वर्करों को तीसरी लहर आने से पहले टीका लगाया जा सके.
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