दमोह में बारिश के बाद ठंड बढ़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ठंड से जहां एक तरफ इंसान ठिठुर रहें हैं तो वहीं मंदिरों में भगवान को भी गर्म कपड़े पहनाए गए हैं.
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दमोह: ठंड का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश और बर्फबारी से मैदानी इलाकों में ठंड बढ़ गई है. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में जारी शीतलहर के बीच कई इलाकों में हुई बारिश से तापमान और ज्यादा लुढ़क गया है.
दमोह (Damoh) में बारिश के बाद ठंड बढ़ने से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ठंड से जहां एक तरफ इंसान ठिठुर रहें हैं, तो वहीं मंदिरों में भगवान को भी गर्म कपड़े पहनाए गए हैं.
दमोह में मंदिरों में भगवानों की मूर्तियों को स्वेटर और शॉल ओढाये गए हैं. कई मंदिरों में हीटर का भी इंतजाम किया गया है. मंदिर के पुजारियों की माने तो मंदिरों में विराजमान भगवान की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा होती है और धर्म कहता है की प्रतिमाओं के अंदर जान होती है.
लिहाजा, जिस तरह इंसानों को ठंड लगती है, वैसे ही भगनान को भी ठंड का ऐहसास होता है. इसी वजह से उन्हें भी ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े और हीटर की व्यवस्था की गई है.
हनुमान गढ़ी के पुजारी पंडित गोविन्द दुबे के मुताबिक यकीनन भगवान तीन लोकों के स्वामी हैं और परम शक्तिशाली हैं, लेकिन उन्हें हम बालरूप में पूजते हैं. जिस वजह से उनकी देखभाल भी बच्चों की तरह ही करनी पड़ती है. इसी वजह से उन्हें गर्म कपड़े पहनाना जरुरी है.
वहीं, जटाशंकर धाम के पुजारी बालकृष्ण ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमाएं जीवंत होती हैं और इंसानों की तरह उन्हें भी ठंड का ऐहसास होता है. जिसके लिए ये इंतजामात करना जरुरी है.