जी मीडिया द्वारा प्रमुखता से दिखाए गए इस खबर का संज्ञान लेते हुए कई सामाजिक संगठन भी इन मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हैं. दरअसल कोरोना लॉकडाउन की वजह से अंबिकापुर में दूसरे राज्यों के कई मजदूर फंस गए हैं.
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सुशील कुमार/सरगुजा: अंबिकापुर में दूसरे राज्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ के ही अन्य जिलों के करीब 1 दर्जन मजदूरों को पहचान पत्र नहीं होने की वजस से राशन नहीं मिल रहा था. जी मीडिया ने बीते 18 अप्रैल को इस खबर को प्रमुखता के साथ चलाया था. अब जी मीडिया की इस खबर का असर हुआ है.
अंबिकापुर प्रशासन ने मामले का संज्ञान लेते हुए इन मजदूरों को राशन मुहैया कराया है. साथ ही जी मीडिया द्वारा प्रमुखता से दिखाए गए इस खबर का संज्ञान लेते हुए कई सामाजिक संगठन भी इन मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हैं. दरअसल कोरोना लॉकडाउन की वजह से अंबिकापुर में दूसरे राज्यों के कई मजदूर फंस गए हैं.
अंबिकापुर में पहचान पत्र नहीं तो राशन नहीं, भूखे मरने की स्थिति में आए एक दर्जन मजदूर
छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अधिकारियों को हर घर तक राशन पहुंचाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. लेकिन अंबिकापुर नगर निगम की ओर से करीब एक दर्जन ऐसे ही मजदूरों को राशन मुहैया नहीं कराया जा रहा था.
इन मजदूरों बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था और इन्हें भूखे रहने की नौबत आ गई थी. जी मीडिया ने 18 अप्रैल को मजदूरों की इस परेशानी का संज्ञान लेते हुए खबर चलाई थी. जी मीडिया पर खबर चलने के कुछ घंटों के भीतर ही अंबिकापुर प्रशासन ने मजदूरों का संज्ञान लिया और उन्हें राशन उपलब्ध कराया.
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दरअसल अंबिकापुर नगर निगम की ओर से आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड या कोई दूसरा पहचान पत्र देखने के बाद ही राशन दिया जा रहा है. इन मजदूरों के पास कोई पहचान पत्र नहीं था, जिसकी वजह से उन्हें राशन से वंचित होना पड़ रहा था. जी मीडिया पर यह खबर चलने के बाद इन मजदूरों को राशन मुहैया कराया गया है.
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