इंदौर: पूरे देश में लॉकडाउन है. लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है. ऐसे में कुछ लोग अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालकर सड़कों पर घूम रहे हैं. जबकि लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंस को फॉलो करने की सलाह भी प्रशासन ने दी है. इसके लिए लोगों से एक उचित दूसरी मेंटेन करने का आग्रह किया गया है. कहीं-कहीं इसे फॉलो कराने के लिए गोल घेरे भी बनाए गए हैं. ताकि लोग एक-दूसरे से कम से कम एक मीटर की दूरी पर रहें. वहीं इंदौर से एक हैरान करने वाला वीडियो वायरल हो रहा है. 


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इस वीडियो में मदद के नाम पर सैकड़ों की संख्या में महिलाएं एक साथ खड़ी हैं. यह वीडियो इंदौर के आजाद नगर का बताया जा रहा है. दरअसल, आजाद नगर में कांग्रेस के प्रदेश महासचिव शेख अलीम (Sheikh Alim) के निवास से राहत सामग्री वितरित की गई. यह सामग्री उनकी पत्नी फौजिया अलीम (Fozia Sheikh Alim) बांट रही थीं. राहत सामग्री पाने के लिए बड़ी तादात में महिलाएं आ गईं. इन महिलाओं ने सोशल डिस्टेंस को ध्यान में नहीं रखा. साथ ही एक-दूसरे से सटकर लाइन में खड़ी रहीं. वहीं वीडियो में कुछ महिलाएं लाइन में लगीं दिख रहीं हैं तो कुछ भीड़ लगाकर एक साथ खड़ी हैं.  


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जबकि कोरोनावायरस (covid19) ने इंदौर में भी तेजी से पैर पसार लिए हैं. ऐसे में कांग्रेस नेता द्वारा किया गया यह काम विचलित करने वाला है. मान लेते हैं कि महिलाओं को समझ नहीं, लेकिन एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उन्हें एक बार यह सोचना चाहिए था. आपको बता शेख अलीम की पत्नी पार्षद हैं और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष भी हैं. कम से कम इस लिहाज से तो उन्हें केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लागू नियमों का पालन करना चाहिए. 



हम मानते हैं कि इस संकट की घड़ी में लोगों की मदद करना चाहिए बात है, लेकिन मदद का तरीका सुरक्षित होना चाहिए. ऐसी स्थिति बिलकुल भी नहीं बनने देनी चाहिए कि इस बीमारी का खतरा कम होने के बजाय बढ़ जाए. अगर नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष को मदद करनी ही थी तो वह उन्हें सरकारी सिस्टम के तहत करनी चाहिए थी या फिर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखकर. वो चाहती तो जिला अधिकारी से भी संपर्क कर राहत सामग्री वितरित करवा सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. शायद मदद के नाम पर वोट की चिंता ज्यादा था. 


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इस घटना ने एक बार फिर इंदौर का सिर नीचा कर दिया है. इससे पहले 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन लोग हजारों की तादात में राजवाड़े पर एकट्ठा हो गए थे. जबकि पीएम मोदी ने पूरे देश के लोगों से अपने घरों की बालकनी में खड़े होकर ताली और थाली बजाने का आग्रह किया था.