Kumbh Sankranti 2024: 13 या 14 फरवरी कब है कुंभ संक्रांति? जानिए सही डेट और पूजा विधि
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Kumbh Sankranti 2024: 13 या 14 फरवरी कब है कुंभ संक्रांति? जानिए सही डेट और पूजा विधि

Kumbh Sankranti 2024 Date: मकर संक्रांति के बाद कुंभ संक्रांति मनाई जाती है. इस साल कुंभ संक्रांति कितनी तारीख को है और इसकी पूजा विधि हो सकती है आइए जानते हैं. 

Kumbh Sankranti 2024: 13 या 14 फरवरी कब है कुंभ संक्रांति? जानिए सही डेट और पूजा विधि

Kumbh Sankranti 2024 Date: एक दो दिन पहले मकर संक्रांति मनाई गई. देश भर में इसकी चहल- पहल देखने को मिली. मकर संक्रांति के बाद अब फरवरी महीने में कुंभ संक्रांति मनाई जाएगी. सूर्य के मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करने पर इसे मनाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक कुंभ संक्रांति के दौरान पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद भगवान सूर्य को तर्पण देने से कई पुण्य फल प्राप्त हो सकते हैं. इस साल ये कब मनाई जाएगी और क्या पूजा विधि हो सकती है जानते हैं.

सही तारीख 
इस साल कुंभ संक्रांति 14 फरवरी को मनाई जाएगी. जबकि पिछले साल कुंभ संक्रांति 13 फरवरी को मनाई गई थी. इस दिन अगर आप ये चीजें करते हैं तो आपका जीवन सुखमय हो सकता है. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कुंभ संक्रांति पर स्नान-दान का विशेष महत्व होता है. इस दिन पुण्य काल और महा पुण्यकाल में किया गया स्नान-दान कई गुना लाभदायक साबित हो सकता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं आपका जीवन सुखमय बीते तो आप जरुरतमंदों को तांबा, लाल वस्त्र, घी, लाल, गेहूं, गुड़, लाल फूल दान कर सकते हैं. 

मकर संक्रांति की तरह ही कुंभ संक्रांति के दिन स्नान पर भी स्नान-ध्यान, दान-पुण्य का विशेष महत्व है. देवी पुराण के अनुसार कुंभ संक्रांति के दिन जो स्नान नहीं करता, उनके जीवन में दरिद्रता आ सकती है. वहीं जो लोग इस दिन स्नान-दान के साथ पूजा- पाठ करते हैं उन्हें महापुण्य की प्राप्ति हो सकती है. 

पूजा विधि 
कुंभ संक्रांति के दिन भोर में स्नान करने के बाद भगवान भास्कर (सूर्य) को जल अर्पित करें. जल में लाल फूल, गुड़, तिल और रोली या लाल चंदन मिलकार अर्घ्य दे सकते हैं. साथ ही सूर्य मंत्र का जाप करें. इसके बाद मंदिर में जाकर दीपक जला सकते हैं और भगवान सूर्य के 108 नामों का जाप कर सकते हैं, इसके बाद सूर्य चालीसा का पाठ कर सकते हैं. बता दें कि ऐसा करने से कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति मजबूत हो सकती है. जिससे आपके यश, सम्मान, कीर्ति और करियर में वृद्धि हो सकती है. 

( यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसे मामने या अपनाने से पहले ज्योतिष के जानकारों से जरूर सलाह लें.)

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