Dussehra 2024: बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार दशहरा का हर किसी बेसब्री से इंतजार रहता है. शारदीय नवरात्रि खत्म होते ही 10वें दिन रावण दहन यानी दशहरा का पर्व मनाया जाता है. जानते हैं कि इस बार दशहरा किस दिन मनाया जाएगा और इसका धार्मिक महत्व क्या है?
Vijayadashami 2024: हर साल विजय दशमी यानी दशहरा के पर्व का लोगों को काफी इंतजार रहता है. हल्की-गुलाबी ठंड में रामलीला, मेला और रावण दहन देखने के लिए लोग बहुत उत्साहित रहते हैं. एस्ट्रोलॉजर डॉ. रुचिका अरोड़ा से जानते हैं कि इस साल दशहरा कब मनाया जाएगा और इसका धार्मिक महत्व क्या है.
हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा यानी विजयादशमी मनाया जाता है. इस साल लोगों को दशहरा की सही तारीख को लेकर कंफ्यूजन हो रहा है. इस साल दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार दशमी तिथि 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10:58 बजे से शुरू होगी और 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 09:08 बजे समाप्त होगी. ऐसे में दशहरा 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा.
इस साल दशहरा के मौके पर सर्वार्थ सिद्धि योग और श्रवण नक्षत्र का विशेष संयोग बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग 12 अक्टूबर को सुबह 5:25 बजे से 13 अक्टूबर को सुबह 4:27 बजे तक रहेगा. वहीं, श्रवण नक्षत्र भी इसी अवधि में रहेगा. ऐसे में पूजा के लिए ये समय बेहद शुभ रहेगा. इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2:02 बजे से 2:48 बजे तक रहेगा.
दशहरा या विजयादशमी को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था. साथ ही ये भी मान्यता है कि मां दुर्गा ने इस दिन महिषासुर का संहार किया था. ऐसे में शारदीय नवरात्रि के समापन के अगले ही दिन बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में धूमधाम से दशहरा मनाया जाता है.
इस दिन शस्त्र पूजा का विशेष महत्व है. साथ ही शमी और अपराजिता वृक्ष की पूजा करने की भी मान्यता है. कहा जाता है कि इस दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना बेहद शुभ होता है.
दशहरा के दिन जगह-जगह बड़े-बड़े मेले लगते हैं रामलीला का आयोजन किया जाता है. इसके बाद रावण का पुतला दहन कर धूमधाम से पर्व मनाया जाता है.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिन्हें विभिन्न स्रोत एक एकत्रित किया गया है.
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