पत्रकारवार्ता के बाद वे मुरैना के लिए निकल गए. हालांकि पत्रकारवार्ता के दौरान जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं. कांग्रेस कार्यकर्ता एक-दूसरे से सटकर बैठे नजर आए.
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करतार राजपूत/मुरैना: हनीट्रैप की पेनड्राइव खुद के पास बताकर चर्चा में आए पूर्व सीएम कमलनाथ अब अपनी बात से पलट रहे हैं. उन्होंने उल्टा सरकार पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने कहा कि हनीट्रैप की पेनड्राइव मेरे पास नहीं, सभी के पास हें, मेरे पास कहां है. पेनड्राइव तो प्रदेश में घूम रही है. पत्रकारों के पास भी है. मैं पेनड्राइव की राजनीति नहीं करता हूं.
एक कार्यक्रम में मुरैना पहुंच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्रकारवार्ता में यह बात कही. उन्होंने कहा कि वक्त आने पर मैं जवाब दूंगा. लेकिन मध्यप्रदेश व प्रदेश के किसान और युवा सरकार के नहीं राम भरोसे हैं. प्रदेश का विकास आर्थिक गतिविधियों से होता है. कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में डेढ़ लाख की मौत हुई है. सरकार आंकड़े छुपा रही है. आपको बता दें कि हनीट्रैप मामले की जांच कर रही एसआईटी (SIT) ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हनीट्रैप वाले बयान को अपनी जांच में शामिल किया है. टीम ने उनसे कथित पेनड्राइव पेश करने की मांग की है.
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परिजनों को मिलेगा मुआवजा और सरकारी नौकरी
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि मेरा भारत महान के साथ, बुद्धिमान भी थे, पहले आप इन्हें ज्ञान देते थे, अब आपको ये ज्ञान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि आम आदमी कांग्रेस का साथ न दें, बल्कि सच्चाई का साथ दे. बीजेपी वाले मुझपर लाशों की राजनीति करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन मैं मध्यप्रदेश की जनता को सच्चाई बताने की बात कह रहा हूं. सरकार कोविड से मरने वाले परिजन को सरकार को 5 लाख देना चाहिए. उन्होंने मांग कि सरकारी कर्मचारी के परिवार के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए.
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मौत का डेटा दे रहे, खुद बिना मास्क वालों से घिरे रहे
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में तीसरी लहर न आए इसकी रोकथाम के लिए काम करना चाहिए. मेरी प्रार्थना है कि तीसरी लहर न आये, लेकिन सरकार की तैयारी नहीं है. छिंदवाड़ा में कभी, एक सेंकेड एक मिनिट की ऑक्सीजन की किल्लत नहीं हुई है. इससे पहले करहाधाम पहुंचकर उन्होंने पूजा-अर्चना की. पत्रकारवार्ता के बाद वे मुरैना के लिए निकल गए. हालांकि पत्रकारवार्ता के दौरान जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ीं. कांग्रेस कार्यकर्ता एक-दूसरे से सटकर बैठे नजर आए. किसी ने मास्क आधा-अधूरा लगाया तो किसी ने पहनने की जहमत नहीं उठाई. कमलनाथ के आजू-बाजू करीब 30-35 कार्यकर्ता खड़े थे.
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