मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया रिपोर्ट्स को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है. पढ़िए पूरी खबर...
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भोपाल/संदीप भम्मरकर: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मीडिया के जरिए सिस्टम की छवि अच्छी करना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने जिला स्तर पर काम शुरू किया है. सरकार की तरफ से जिला कलेक्टरों को टास्क दिया गया है. इस टास्क की सीएम ऑफिस से मॉनीटरिंग हो रही है. जिलों में होने वाले घटनाक्रमों का इनपुट फोन कॉल्स और मीडिया रिपोर्ट्स के जरिये लिया जा रहा है. टास्क के प्रति लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है.
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टास्क के संबंध में संबंधित विभाग और कलेक्टर-एसपी से जवाब-तलब भी किया जा रहा है, जो अफसर इसे गंभीरता से लेकर जवाब नहीं दे रहे हैं, उन्हें हटाना भी शुरू कर दिया गया है. बुधवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ऐसा ही कटनी कलेक्टर शशिभूषण सिंह के साथ हुआ, कलेक्टर ने जब सीएम के सवाल पर ये कहा कि महिला की मौत का मामला उनके संज्ञान नहीं है, तो थोड़ी देर बाद उनका तबादला आदेश जारी कर दिया गया. इसी तरह नीमच के एसपी मनोज राय को भी हटा दिया गया है. सीएम ने साढ़े 7 घंटे चली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अपनी प्राथमिकता बता दी. सभी कलेक्टर, एसपी, संभाग आयुक्त अपने-अपने दफ्तरों के साथ जुड़े थे.
सीएम ने पेश किया जिलों का रिपोर्ट कार्ड
सीएम ने इस बार कलेक्टरों से रिपोर्ट नहीं ली. बल्कि उनके सामने रिपोर्ट कार्ड पेश कर दिया. इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिये पता ये लगा कि सीएम ऑफिस सभी जिलों की बारीकी के साथ मॉनीटरिंग कर रहा है. सीएम के दिए गए टास्क पर जिलों के कलेक्टर और एसपी ने कितना काम किया. ये सीएम शिवराज के पास में मौजूद रिपोर्ट में था.
लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त
सीएम शिवराज ने एक-एक करके सबका ब्योरा रख दिया. उन्होंने दो टूक कहा कि अखबारों और टीवी चैनलों की खबरों पर संबंधित विभाग और कलेक्टर-एसपी से जानकारी ली गयी थी. कुछ अफसरों ने गंभीरता से लेकर जवाब भेजे और कुछ ने लापरवाही बरतते हुए जवाब ही नहीं दिया. ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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कलेक्टर-एसपी के इन टास्क पर है शिवराज का फोकस
सीएम शिवराज ने जिन कामकाज के लिए कलेक्टर और एसपी की परफारमेंस की रिपोर्ट पेश की उसमें कई बिंदु शामिल थे. जिनका ब्यौरा निम्न है-
1. माफिया के खिलाफ कार्रवाई
2. रेत माफिया पर रोक
3. खाद-बीज के इंतजाम करने में अफसरों की सक्रियता
4. सीएम की तरफ से मरीजों के इलाज के लिए दी जाने वाली स्वेच्छानुदान राशि
5. कोरोना की रोकथाम-उपाय और जागरूकता कार्यक्रमों को लेकर गंभीरता और सक्रियता
6. स्व सहायता समूहों के उत्थान के लिए किए गए नवाचार
7. मिलावटखोरों और भू माफियाओं के खिलाफ की गयी कार्रवाई
सीएमओ से भेजी गई खबरों पर इन 9 जिले ने बरती लापरवाही
सीएम ऑफिस की तरफ से भेजे गए टास्क और खबरों को 9 जिलों ने सीरियस नहीं लिया. इनमें कटनी, डिंडौरी, पन्ना, टीकमगढ़, धार, खरगौन, खंडवा, होशंगाबाद, उज्जैन प्रमुख हैं, लेकिन कई जिले ऐसे भी थे जिन्होंने इन खबरों को गंभीरता से लेते हुए जवाब भेजे और उसपर एक्शन भी लिया.
अच्छी परफार्मेंस देने वाले जिले
मंडला, ग्वालियर, मुरैना, उमरिया, छतरपुर, सागर, श्योपुर, बैतूल, विदिशा, सीहोर, बड़वानी, सिवनी, छिंदवाड़ा और शाजापुर ने सीएमओ से भेजी गईं रिपोर्ट्स पर त्वरित कार्रवाई की.
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